Govt Schools Closed :2000 सरकारी स्कूलों पर मंडराया बंद होने का खतरा, जाने बच्चों की पढ़ाई का क्या होगा

Saroj kanwar
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Govt Schools Closed: मध्य प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के उन सरकारी स्कूलों को मर्ज करने की योजना बनाई है। जहां छात्रों की संख्या काफी कम है। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, संसाधनों के बेहतर उपयोग और प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

2 हजार स्कूल होंगे सांदीपनि स्कूलों में शामिल

प्रदेशभर में करीब 2,000 सरकारी स्कूल ऐसे चिन्हित किए गए हैं। जिनमें छात्र संख्या औसत से बेहद कम है। इन स्कूलों को राज्य के आधुनिक ‘सांदीपनि विद्यालयों’ में मर्ज किया जाएगा। इससे उन क्षेत्रों के विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाओं और संसाधनों के साथ शिक्षा मिलेगी।

5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों का होगा विलय

शासन के निर्देशानुसार, विलय की प्रक्रिया में उन स्कूलों को शामिल किया जाएगा जो 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं और जिनमें छात्रों की संख्या कम है। ऐसे स्कूल जिनमें अब नामांकन शून्य हो चुका है, वह इस शैक्षणिक सत्र से नए छात्रों का प्रवेश नहीं ले सकेंगे।

एमपी में तैयार हो रहे 265 नए सांदीपनि विद्यालय

राज्य सरकार ने इस योजना के तहत 265 नए सांदीपनि स्कूलों के निर्माण का काम शुरू किया है। ये स्कूल न केवल इमारतों के रूप में बेहतर होंगे। बल्कि इनका उद्देश्य शिक्षा के स्तर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है। इनमें से इस वर्ष 116 स्कूलों को नए भवनों में शिफ्ट करने की योजना है। ‘

सांदीपनि स्कूल क्यों हैं खास?

सांदीपनि विद्यालयों को स्मार्ट स्कूल के मॉडल पर विकसित किया जा रहा है। जहां छात्रों को डिजिटल कक्षाएं, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएं और खेल मैदान जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इन स्कूलों में योग्यता के आधार पर प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

छात्रों और अभिभावकों को क्या होगा फायदा

इस निर्णय से उन क्षेत्रों के छात्रों को बेहतर शिक्षण माहौल मिलेगा। जहां पहले शिक्षकों की कमी, अधूरी सुविधाएं और खराब इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी समस्याएं थीं। अब बच्चे एक केंद्रीकृत स्कूल में पढ़ सकेंगे। जहां उन्हें आधुनिक सुविधाएं और अच्छा परिवेश मिलेगा।

खाली स्कूल भवनों का क्या होगा उपयोग?

सरकार के इस फैसले के बाद सवाल यह भी उठता है कि मर्ज किए गए स्कूलों की खाली इमारतों का क्या उपयोग होगा। इस पर शिक्षा विभाग की ओर से विचार किया जा रहा है कि इन भवनों को अन्य शैक्षणिक, सामाजिक या प्रशासनिक कार्यों में उपयोग में लाया जाए, ताकि संसाधनों की बर्बादी न हो।

शिक्षा का केंद्रीकरण या सुविधा का विस्तार?

भले ही यह योजना शिक्षा का केंद्रीकरण लगती हो। लेकिन इसका उद्देश्य सुविधाओं का विस्तार और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। इस कदम से छात्रों को बेहतर शिक्षण व्यवस्था के साथ-साथ विकास के अधिक अवसर मिलेंगे।

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