Dereliction Of Duty Action: पंजाब सरकार ने जेल विभाग में कड़ी कार्रवाई करते हुए 26 अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है। यह निर्णय राज्य की जेल व्यवस्था में सुधार और प्रशासनिक अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर एक कड़े कानून की घोषणा की है। जिसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
जेल विभाग में लापरवाही पर तत्काल निलंबन
राज्य के जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने जानकारी दी कि निलंबित कर्मचारियों को पंजाब सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम, 1970 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इनमें मनसा जिला जेल के अधीक्षक इकबाल सिंह बरार, लुधियाना केंद्रीय जेल के उप अधीक्षक मनींदर पाल चीमा, बोर्स्टल जेल के उप अधीक्षक अनिल भंडारी और संदीप बरार शामिल हैं।
सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति
मंत्री भुल्लर ने स्पष्ट किया कि सरकार सुशासन को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और कर्तव्य में लापरवाही करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई यह भी दर्शाती है कि राज्य सरकार जेल विभाग में अनुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
बेअदबी रोकने को लाया जाएगा सख्त कानून
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक अहम बैठक में घोषणा की कि राज्य सरकार धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी रोकने के लिए सख्त कानून लाने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक ‘सर्व धर्म बेअदबी रोको कानून मोर्चा’ और अन्य धार्मिक संगठनों से परामर्श के बाद तैयार किया जाएगा।
जनभावनाओं के अनुरूप बनेगा कानून
सीएम मान ने कहा कि कानून जनता की धार्मिक भावनाओं और सामाजिक मूल्यों के अनुरूप तैयार किया जाएगा और इस पर मंत्रिमंडल की बैठक शीघ्र बुलाई जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पंजाब संतों और गुरुओं की पवित्र भूमि है, और यहां की पहचान धार्मिक सहिष्णुता और सांप्रदायिक सौहार्द से जुड़ी हुई है।
कठोर सजा की होगी व्यवस्था
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि बेअदबी की घटनाओं में शामिल दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री मान ने दोहराया कि उनकी सरकार ऐसे मामलों में कठोरतम सजा सुनिश्चित करेगी ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।
धार्मिक समरसता का संदेश
सरकारी बयान के अनुसार, सीएम मान ने कहा कि पंजाब धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद का प्रतीक है, और यह कानून राज्य के साम्प्रदायिक सौहार्द और शांति को और सशक्त बनाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जनता की भावनाओं का पूरा सम्मान किया जाएगा।