Aadhaar Card Date Of Birth Rules: अगर आप किसी सरकारी नौकरी, कॉलेज एडमिशन या किसी शैक्षणिक संस्थान में आवेदन के लिए आधार कार्ड को जन्मतिथि का प्रमाण मानकर प्रस्तुत कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। अब आधार कार्ड को जन्मतिथि प्रमाण के रूप में वैध दस्तावेज नहीं माना जाएगा। राज्य सरकार ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा इस विषय में जारी स्पष्टीकरण के आधार पर सभी विभागों और कार्यालयों को इस नियम का सख्ती से अनुपालन करने का निर्देश दिया है।
आधार केवल पहचान का दस्तावेज है
UIDAI ने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड व्यक्ति की केवल पहचान का प्रमाण है, जन्मतिथि का नहीं। आधार नामांकन या उसमें बदलाव के समय जो जन्मतिथि दर्ज होती है. वह उस समय प्रस्तुत दस्तावेजों पर आधारित होती है। अगर व्यक्ति जन्मतिथि का कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करता है, तो आधार में जन्मतिथि को घोषित या अनुमानित रूप में दर्ज किया जा सकता है। ऐसे में यह जन्मतिथि कानूनी मान्यता के योग्य नहीं मानी जाएगी।
सभी विभागों को भेजे गए निर्देश
सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग ने राज्य के सभी विभागीय सचिवों, प्रमुख अधिकारियों, उपायुक्तों और अन्य सरकारी दफ्तरों को पत्र लिखकर इस निर्देश की जानकारी दी है। इस पत्र के साथ UIDAI द्वारा जारी दिशा-निर्देश की प्रति भी संलग्न की गई है और सभी अधीनस्थों को इस नई गाइडलाइन से अवगत कराने का आदेश दिया गया है।
किन जगहों पर मांगा जाता है जन्मतिथि का प्रमाण?
भारत में कई जगहों पर जन्मतिथि का प्रमाणपत्र अनिवार्य होता है, जैसे:
- सरकारी और निजी नौकरियों में आवेदन
- शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन
- पासपोर्ट और वीज़ा आवेदन
- पेंशन, बीमा और अन्य लाभकारी योजनाओं में रजिस्ट्रेशन
अब इन सभी जगहों पर आधार कार्ड को जन्मतिथि प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
आधार पर जन्मतिथि कैसे दर्ज की जाती है?
UIDAI के अनुसार, जब कोई व्यक्ति आधार बनवाने जाता है या उसमें कोई अपडेट कराता है, तो उस समय वह जन्मतिथि से संबंधित कोई दस्तावेज प्रस्तुत करता है। लेकिन कई मामलों में व्यक्ति के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं होता, और ऐसे में जन्मतिथि को या तो घोषित (Declared) या अनुमानित (Estimated) रूप में दर्ज किया जाता है। इस प्रक्रिया के चलते आधार में दर्ज जन्मतिथि को कानूनी दस्तावेज नहीं माना जा सकता. क्योंकि उसमें सत्यापन की स्पष्ट प्रक्रिया नहीं होती।
जन्मतिथि का वैध प्रमाण क्या माना जाएगा?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जन्मतिथि प्रमाण के लिए वैध दस्तावेज निम्नलिखित हैं:
- नगर निगम या स्थानीय निकाय द्वारा जारी जन्म प्रमाणपत्र (Birth Certificate)
- कक्षा 10वीं की अंकसूची या प्रमाणपत्र जिसमें जन्मतिथि दर्ज हो
- पासपोर्ट
- पैन कार्ड (सीमित मामलों में)
- राज्य सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य वैध दस्तावेज
इनमें से कोई दस्तावेज ही जन्मतिथि के कानूनी सबूत के रूप में मान्य होगा।
आधार को जन्मतिथि प्रमाण के रूप में क्यों नहीं माना जाएगा?
सरकार के अनुसार:
- आधार में जन्मतिथि प्रमाणित नहीं होती, बल्कि वह घोषणा या अनुमानों पर आधारित हो सकती है।
- कई बार लोगों ने गलत जानकारी देकर आधार में बदलाव कराया है. जिससे उसकी सत्यता संदेह के घेरे में आ जाती है।
- कोर्ट और सरकारी संस्थाएं प्रमाण के रूप में वही दस्तावेज मानती हैं, जो वैध रूप से जारी किए गए हों।
कई जगहों पर अभी भी चल रहा है भ्रम
देशभर में आज भी बहुत से लोगों को लगता है कि आधार कार्ड पर जन्मतिथि दर्ज है, तो वह हर जगह मान्य है। लेकिन यह एक बड़ी गलतफहमी है। UIDAI और राज्य सरकारें लगातार लोगों को जागरूक कर रही हैं कि आधार सिर्फ पहचान पत्र है, जन्मतिथि प्रमाण नहीं।
क्या पहले से उपयोग किए गए आधार के दस्तावेजों पर कोई असर पड़ेगा?
अगर आपने पहले से किसी सरकारी दस्तावेज या नौकरी आवेदन में आधार को जन्मतिथि प्रमाण के रूप में उपयोग किया है, तो हो सकता है अब से वो मान्य न माना जाए। भविष्य में ऐसे सभी मामलों में सत्यापित और वैध दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। खासकर नए आवेदन, स्कॉलरशिप, छात्रवृत्ति, सरकारी सेवाएं, और प्रतियोगी परीक्षाओं में इसका पालन अनिवार्य किया जाएगा।
क्या करें नागरिक?
- यदि आपने आधार में गलत जन्मतिथि दर्ज कराई है, तो उसका दुरुस्तीकरण आवश्यक दस्तावेजों के साथ कराएं।
- यदि आपके पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है, तो जल्द ही स्थानीय निकाय से प्रमाण पत्र बनवाएं।
- स्कूल की 10वीं कक्षा की मार्कशीट भी एक वैध विकल्प हो सकती है।