Modern Farming Training :किसान सीखेंगे वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के गुर, सरकार ने नियुक्त किए मास्टर ट्रेनर और क्लस्टर हेड 

Saroj kanwar
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Modern Farming Training: देश के किसानों को वैज्ञानिक और आधुनिक खेती से जोड़ने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने देश की 7 प्रमुख फसलों के लिए क्लस्टर हेड और 9 विषय विशेषज्ञ मास्टर ट्रेनरों की नियुक्ति कर दी है. इस पहल के तहत हरियाणा सहित देश के 25 राज्यों में किसानों को नई तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी.

क्लस्टर हेड और मास्टर ट्रेनरों की नियुक्ति से बदलेगी खेती की तस्वीर


सरकार की योजना के अनुसार, इन विशेषज्ञों को इंडो-इजरायल कृषि परियोजना के साथ जोड़ा गया है. इसका उद्देश्य यह है कि अगर देश के किसी भी हिस्से में कोई उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाता है, तो वहां क्लस्टर हेड मदद करेंगे और संचालन की दिशा तय करेंगे.

बड़े केंद्रों के वैज्ञानिक भी लेंगे विशेष प्रशिक्षण


इन क्लस्टर प्रमुखों और विषय विशेषज्ञों की जिम्मेदारी सिर्फ किसानों तक सीमित नहीं होगी. वे संबंधित उत्कृष्टता केंद्रों में तैनात वैज्ञानिकों को भी उन्नत कृषि तकनीकों और संचालन विधियों का प्रशिक्षण देंगे, जिससे प्रोजेक्ट का संचालन बेहतर हो सके और स्थानीय कृषि तंत्र को मजबूती मिल सके.


किन फसलों को किया गया चयनित?


इस योजना के अंतर्गत जिन फसलों को विशेष रूप से शामिल किया गया है, वे हैं:

आम (मैंगो)
सब्जियां (वेजिटेबल)
सिट्रस फल (नींबू, संतरा आदि)
अनार (पॉमग्रेनेट)
खजूर (डेट पाम)
फूलों की खेती (फ्लोरीकल्चर)
मधुमक्खी पालन (बी कीपिंग)


किसानों को दी जाएगी ऑन-ग्राउंड ट्रेनिंग


विशेषज्ञ टीम अलग-अलग राज्यों में जाकर स्थानीय किसानों और कृषि अधिकारियों को प्रशिक्षण देंगी. ये ट्रेनिंग पूरी तरह वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित होंगी, जिसमें उन्नत खेती, बीज चयन, फर्टिलाइज़र प्रबंधन, सिंचाई विधि, और कटाई के बाद की प्रक्रियाओं पर फोकस होगा.

हरियाणा समेत 25 राज्यों में सक्रिय होगी टीम


इस योजना की शुरुआत देश के 25 राज्यों में की जा रही है, जिसमें हरियाणा प्रमुख राज्यों में शामिल है. यहां के किसान अब उत्कृष्टता केंद्रों और तकनीकी विशेषज्ञों की सीधी निगरानी और मार्गदर्शन में खेती कर पाएंगे.


ट्रेनरों के लिए यात्रा और आवास की व्यवस्था राज्य सरकारें करेंगी


कृषि मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि जब भी कोई क्लस्टर हेड या मास्टर ट्रेनर दौरे पर आए, तो उनकी आवास और भोजन व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इसका पूरा खर्च एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के बजट से वहन किया जाएगा.

सरकार की मंशा


सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों से लैस करना है, ताकि वे कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकें और फसलों की गुणवत्ता भी बेहतर हो. यह पहल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में अहम मानी जा रही है.

क्या है इंडो-इजरायल प्रोजेक्ट?


इंडो-इजरायल एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट भारत और इजरायल के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग की एक साझा पहल है. इसके तहत देशभर में उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) बनाए गए हैं, जहां इजरायली तकनीकों से उन्नत किस्म की खेती को बढ़ावा दिया जाता है. अब इन्हीं केंद्रों से जुड़े मास्टर ट्रेनर देशभर में जाकर किसानों को प्रशिक्षित करेंगे.

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