Haryana Rain Forecast: हरियाणा में मौसम ने बुधवार सुबह एक बार फिर करवट ली. कैथल सहित कई जिलों में तेज हवाओं के बाद करीब तीन घंटे तक रुक-रुक कर झमाझम बारिश होती रही. बारिश सुबह से दोपहर 12 बजे तक जारी रही. जिसके बाद दोपहर से शाम तक आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रही. हालांकि इसके बाद बारिश नहीं हुई.
हरियाणा में सुबह से झमाझम
बुधवार सुबह हरियाणा के कैथल समेत कई जिलों में मौसम ने करवट ली. तेज हवाओं के साथ शुरू हुई बारिश लगभग तीन घंटे तक रुक-रुक कर जारी रही. सुबह से दोपहर तक हुई इस बारिश से जहां गर्मी से राहत मिली. वहीं शहर के निचले इलाकों में जलभराव ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दीं.
शहर की सड़कों पर पानी ही पानी
बारिश के कारण कैथल शहर के माता गेट, पार्क रोड, हिंद सिनेमा चौक, कमेटी चौक, करनाल रोड, अंबाला रोड और अमरगढ़ गामड़ी जैसे इलाकों में भारी जलभराव हो गया. इससे वाहन चालकों और पैदल यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. कई जगहों पर तो सड़कों का अस्तित्व ही पानी में डूब गया.
तापमान में आई राहत की गिरावट
मंगलवार के मुकाबले बुधवार को तापमान में स्पष्ट गिरावट दर्ज की गई.
अधिकतम तापमान 38 डिग्री से गिरकर 33.2 डिग्री सेल्सियस हो गया.
न्यूनतम तापमान 28.1 डिग्री से घटकर 26 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा.
इससे आम जनता को राहत मिली, वहीं खेती-किसानी पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ा.
किसानों के चेहरे खिले
बारिश से खेतों में नमी बढ़ने के कारण धान की रोपाई का कार्य तेज हुआ है. किसान वर्ग इस बदलाव से संतुष्ट नजर आ रहा है. भीषण गर्मी के बीच आई यह बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है
जिले में 24 घंटे में रिकॉर्ड हुई कितनी बारिश?
मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटों में कैथल जिले में कुल 37 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जिसकी औसत मात्रा 5.2 मिमी रही. खंडवार बारिश का विवरण इस प्रकार है:
क्षेत्र | बारिश (मिमी) |
---|---|
कैथल | 15 |
कलायत | 01 |
सीवन | 03 |
गुहला-चीका | 06 |
राजौंद | 04 |
ढांड | 05 |
पूंडरी | 03 |
गुहला-चीका में सर्वाधिक वर्षा
गुहला-चीका खंड में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई. शहर के निचले इलाकों में जलभराव ने स्थानीय प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया है. कई जगहों पर लोगों को घर से बाहर निकलने में भी परेशानी हो रही है.
सब्जियों की फसल को हो सकता है नुकसान
चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र, कैथल के मुख्य समन्वयक डॉ. रमेश चंद्र वर्मा ने बताया कि 30 जून तक बारिश जारी रहने की संभावना है. हालांकि, उन्होंने यह भी चेताया कि लगातार अधिक बारिश से सब्जियों की फसल को नुकसान हो सकता है.
बारिश में सावधानी जरूरी
किसानों को सलाह है कि फसल के लिए जल निकासी व्यवस्था मजबूत करें
जलभराव वाले इलाकों में वाहन ले जाने से बचें
बच्चों को बाहर खेलने से रोकें
बिजली उपकरणों से दूरी बनाए रखें