Old Pension Scheme: पंजाब सरकार ने लाखों कर्मचारियों के लिए राहत भरा ऐलान करते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. सरकार ने पंजाब सिविल सेवा नियमों में संशोधन करते हुए कुछ विशेष श्रेणियों के सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme – OPS) को अपनाने की अनुमति दी है. यह संशोधन उन कर्मचारियों के लिए वरदान साबित होगा जो मामूली अंतर से ओपीएस के दायरे से बाहर रह गए थे.
1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए सुनहरा मौका
सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार, वे कर्मचारी जो 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त हुए हैं लेकिन उनकी भर्ती का विज्ञापन 1 जनवरी 2004 से पहले प्रकाशित हुआ था, उन्हें पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने का अधिकार मिलेगा. यह सुविधा उन हजारों कर्मचारियों के लिए राहत लाएगी, जो सिर्फ तारीख की वजह से एनपीएस के तहत आ गए थे.
हमदर्दी आधार पर नियुक्त कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ
इस संशोधन का दूसरा अहम पक्ष यह है कि वे कर्मचारी जो “हमदर्दी आधार” पर नियुक्त किए गए थे और जिनकी याचिका 1 जनवरी 2004 से पहले प्राप्त हो गई थी, यदि वे सभी पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं, तो उन्हें भी ओपीएस के दायरे में लाया जाएगा. यह फैसला विशेष मानवीय संवेदना से प्रेरित है, जो परिवार में कमाने वाले सदस्य की मृत्यु के बाद नियुक्त हुए उम्मीदवारों के लिए राहत लेकर आया है.
3 महीने के भीतर विकल्प चुनना अनिवार्य
पंजाब सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि संबंधित कर्मचारी को तीन महीनों के भीतर यह बताना होगा कि वह ओपीएस चुनना चाहता है या नहीं. यदि कोई कर्मचारी निर्धारित समय सीमा में अपनी पसंद स्पष्ट नहीं करता, तो उसे स्वतः ही नई पेंशन योजना (NPS) के तहत शामिल मान लिया जाएगा. इसलिए कर्मचारियों के लिए यह जरूरी है कि वे समय पर अपना विकल्प दर्ज करवाएं.
अधिसूचना और गजट में आधिकारिक प्रकाशन
यह संशोधन नोटिफिकेशन नंबर G.S.R. 34Const/Arts/309 और 187/ए.एम.डी. (11)2025 के तहत 22 मई 2025 को अधिसूचित किया गया और 23 मई 2025 को पंजाब गजट (एक्स्ट्रा) में प्रकाशित किया गया. इससे यह बदलाव अब पूरी तरह से कानूनी रूप से मान्य हो गया है और संबंधित विभागों में इसे लागू करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.
किसे भेजी गई अधिसूचना?
पंजाब सरकार ने इस अधिसूचना की कॉपी सभी विशेष मुख्य सचिवों, अतिरिक्त मुख्य सचिवों, वित्त आयुक्तों, प्रमुख सचिवों, प्रशासनिक सचिवों, विभाग प्रमुखों, डिवीजन कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को भेजी है. इससे सुनिश्चित किया जाएगा कि हर विभाग और जिले में इसे सटीक रूप से लागू किया जा सके.
बोर्ड, निगम और स्वायत्त संस्थाएं भी अपना सकती हैं नीति
सरकार ने यह भी कहा है कि राज्य के बोर्ड, निगम और स्वायत्तशासी संस्थाएं भी अपनी-अपनी वित्तीय स्थिति और नियमावली के आधार पर इस नीति को लागू कर सकती हैं, बशर्ते इससे राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार न पड़े. इससे संबंधित संस्थाओं को स्वायत्तता तो मिलेगी, लेकिन साथ ही वित्तीय अनुशासन भी सुनिश्चित रहेगा.
कर्मचारियों में खुशी की लहर
इस फैसले के बाद पंजाब के सरकारी कर्मचारियों में उत्साह की लहर दौड़ गई है. वे कर्मचारी जो वर्ष 2004 के बाद भर्ती हुए लेकिन कुछ दिन पहले विज्ञापित पदों के आधार पर नियुक्त हुए थे, उन्हें अब पेंशन सुरक्षा मिलने की उम्मीद जगी है. कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया है और इसे राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति का उदाहरण बताया है.