Haryana New Land Law :सांझी जमीन अब नहीं बनेगी सिरदर्द, नए क़ानून से किसानों को जल्दी मिलेगा मालिकाना

Saroj kanwar
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Haryana New Land Law: हरियाणा के किसानों और जमीन मालिकों के लिए राहत भरी खबर है. राज्य सरकार ने भूमि राजस्व संशोधन अधिनियम लागू कर दिया है. जिससे वर्षों से चले आ रहे भूमि विवाद अब जल्दी सुलझाए जा सकेंगे. खासकर संपत्ति के बंटवारे और संयुक्त स्वामित्व के मामलों में यह कानून महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है.

अब पारिवारिक संपत्ति के झगड़े होंगे खत्म


हरियाणा सरकार द्वारा लागू किए गए नए भूमि कानून का उद्देश्य उन मामलों का समाधान करना है. जहां एक ही जमीन पर कई पारिवारिक सदस्य मालिक होते हैं. पहले यदि सभी सदस्य बंटवारे पर सहमत नहीं होते थे, तो सरकार उस जमीन को विभाजित नहीं कर पाती थी. लेकिन अब संशोधित प्रावधानों के तहत ऐसे मामलों में भी उचित प्रक्रिया अपनाकर बंटवारा किया जा सकेगा.

संयुक्त मालिकाना भूमि पर मिलेगा स्पष्ट अधिकार


नए कानून के तहत अब ऐसे संयुक्त भूमि स्वामित्व वाले मामलों में भी समाधान मिलेगा. जहां दो या दो से अधिक व्यक्ति एक ही जमीन के हिस्सेदार होते हैं. इससे प्रत्येक व्यक्ति को उसका स्पष्ट हिस्सा मिल सकेगा और वह अपनी जमीन का स्वतंत्र रूप से उपयोग कर पाएगा.।

लंबित भूमि विवादों का होगा निपटारा


राज्य के भूमि प्रशासन को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए यह संशोधन महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इससे न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि संबंधी विवादों की संख्या घटेगी. बल्कि अदालतों में लंबित मामलों का बोझ भी कम होगा.


नागरिकों को मिलेगा भूमि पर अधिकार का भरोसा


डॉ. मिश्रा ने बताया कि यह नया संशोधन भूमि प्रशासन को नागरिक-केन्द्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे न केवल भूमि के बंटवारे की प्रक्रिया आसान होगी. बल्कि नागरिकों को उनके हक की जमीन पर अधिकार भी मिलेगा. लोग अब अपनी जमीन पर स्वतंत्र निर्णय ले सकेंगे.


सरल और त्वरित न्यायिक प्रक्रिया की ओर कदम


भूमि विवादों के चलते कई ग्रामीण परिवार वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा में रहते हैं और भूमि का कोई उपयोग नहीं कर पाते. लेकिन इस संशोधन से अब वे अपने अधिकार को जल्द प्राप्त कर सकेंगे. जिससे कृषि, निर्माण और संपत्ति के अन्य कार्यों में तेजी आएगी.


भूमि प्रशासन में पारदर्शिता और गति


इस अधिनियम का उद्देश्य भूमि रिकॉर्ड को सटीक करना, स्वामित्व की पहचान को सरल बनाना और भूमि बंटवारे को विवादमुक्त बनाना है. इससे सरकार के रिकॉर्ड भी डिजिटली सशक्त होंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.

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