Haryana Electricity Bill Increase: हरियाणा के हिसार जिले में बिजली दरों में इजाफा कर दिया गया है. अब उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 40 पैसे तक ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है. साथ ही बिजली के लोड के अनुसार फिक्स चार्ज भी हर उपभोक्ता के बिल में जोड़ दिया गया है. जिससे जून में भेजे जा रहे बिजली बिलों में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है.
अप्रैल में ही जारी हुआ था नया सर्कुलर
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) ने अप्रैल 2025 में ही नई बिजली दरों और फिक्स चार्ज को लेकर सर्कुलर जारी कर दिया था. लेकिन यह संशोधित दरें अब जून के बिलों में प्रभावी रूप से शामिल होकर उपभोक्ताओं के पास पहुंच रही हैं. इससे आम उपभोक्ताओं को बिलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है.
अब बिलिंग सिस्टम तीन कैटेगिरी में बांटा गया
पहले बिजली उपभोग के लिए सिर्फ एक ही कैटेगिरी थी. लेकिन अब घरेलू उपभोक्ताओं को उनके कनेक्शन के लोड के आधार पर तीन अलग-अलग वर्गों में बांटा गया है. यानी अब जो उपभोक्ता जितना अधिक लोड इस्तेमाल करता है. उसे उतना ही अधिक फिक्स चार्ज भी देना होगा, जो उसके खपत आधारित यूनिट चार्ज के अतिरिक्त होगा.
जानें क्या है नई कैटेगिरी सिस्टम
बिजली निगम के अधिकारियों के अनुसार तीन कैटेगिरी इस प्रकार बनाई गई हैं:
0-2 किलोवाट लोड वाले उपभोक्ता
2-5 किलोवाट लोड वाले उपभोक्ता
5 किलोवाट से अधिक लोड वाले उपभोक्ता
हर कैटेगिरी के लिए अलग-अलग फिक्स चार्ज निर्धारित किया गया है, जो अब बिलों में स्वतः जुड़कर आ रहा है.
यूनिट दरें भी हुईं महंगी
अप्रैल में रिवाइज की गई यूनिट दरों के अनुसार बिजली अब प्रति यूनिट 40 पैसे तक महंगी हो गई है. हालांकि यह बढ़ोतरी खपत की मात्रा और कैटेगिरी पर निर्भर करती है. इससे स्पष्ट है कि अब बिजली जितनी ज्यादा उपयोग होगी. उतना ही ज्यादा असर उपभोक्ता के मासिक बजट पर पड़ेगा.
बिल में लग रहे अतिरिक्त चार्ज
बिजली की नई दरों और फिक्स चार्ज के अलावा बिलों में दो अन्य प्रमुख शुल्क भी जोड़े जा रहे हैं:
फ्यूल सरचार्ज (Fuel Surcharge)
इलेक्ट्रिसिटी चार्ज (Electricity Duty)
इन दोनों चार्जों का भार भी उपभोक्ता के मासिक बिल पर दिखाई देने लगा है. जिससे कुल मिलाकर बिजली बिल अब पहले से कहीं ज्यादा भारी हो गया है.
अधिकारियों ने दी जानकारी
बिजली निगम के एसडीओ संजय सांगवान ने कहा कि यूनिट रेट अप्रैल में रिवाइज किए गए थे, जो अब जून से बिलों में दिखना शुरू हुए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि लोड के अनुसार उपभोक्ताओं को तीन अलग-अलग वर्गों में विभाजित किया गया है. जिससे फिक्स चार्ज और बिल का स्वरूप भी उसी के अनुसार तय किया गया है.
उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर
नई दरें और कैटेगिरी सिस्टम लागू होने के बाद मध्यवर्गीय और निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. खासकर वे उपभोक्ता जो पहले कम बिल भरते थे. अब लोड के अनुसार अतिरिक्त चार्ज के चलते उनका बिल 300 से 500 रुपये तक बढ़ गया है.
क्या है उपभोक्ताओं के विकल्प?
अब उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे अपने लोड का रिव्यू करवाएं और जरूरत हो तो लोड को कम कराएं ताकि फिक्स चार्ज में राहत मिल सके. इसके अलावा बिजली की अनावश्यक खपत पर नियंत्रण भी जरूरी होगा ताकि बढ़े हुए रेट्स का असर न्यूनतम हो.