Income Tax Fraud Notice :गरीब मजदूर के नाम पर करोड़ों की ठगी, आधार-पैनकार्ड से दिया फ़्रॉड को अंजाम

Saroj kanwar
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Income Tax Fraud Notice: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में रहने वाले एक गरीब मजदूर को उस समय तगड़ा झटका लगा जब उसके नाम पर बनी फर्जी कंपनी के चलते आयकर विभाग ने 67.90 लाख रुपये की वसूली का नोटिस थमा दिया.

यह मामला केवल एक आम आदमी की पहचान चुराने का नहीं, बल्कि एक सुनियोजित आर्थिक अपराध और साइबर धोखाधड़ी का भी है, जिसमें एक अज्ञात गिरोह ने मजदूर के आधार और पैन कार्ड का दुरुपयोग कर उसके नाम पर फर्जी कंपनी खड़ी कर दी.

दो कमरों के मकान में रहने वाले मजदूर को मिला करोड़ों के कारोबार का नोटिस


किठौर थाना क्षेत्र के बोंद्रा गांव निवासी 35 वर्षीय आसिफ अली, मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है. उसके पास केवल दो कमरे का छोटा-सा घर है. एक कमरे में पशुओं का चारा काटने की मशीन लगी है और दूसरे में वह अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहता है.
कभी-कभार वह आरा मशीन पर काम करता है, तो कभी शहर से बाहर जाकर फैक्ट्री में मजदूरी करता है. आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है और किसी कंपनी का मालिक होना तो उसकी कल्पना से भी परे है.

दिल्ली में बनी कंपनी, जिसका मालिक मजदूर बना


जांच के दौरान सामने आया कि आसिफ अली के आधार कार्ड और पैन कार्ड का इस्तेमाल कर 2018 में दिल्ली के हैदरपुर इलाके में ‘ऋद्धि सिद्धि इंटरप्राइजेज’ नामक कंपनी का गठन किया गया.

इस कंपनी ने कागजों में करोड़ों रुपये का कारोबार दिखाया गया और 26 मार्च 2023 को आयकर विभाग ने पहली बार आसिफ अली को 67.90 लाख रुपये की वसूली का नोटिस भेजा.
इसके बाद 2024 और 2025 में भी दो और नोटिस भेजे गए. इससे घबराए आसिफ जब आयकर विभाग पहुंचे, तो उन्होंने साफ कहा कि वह एक मजदूर हैं और किसी भी कंपनी के मालिक नहीं.

आयकर विभाग भी हैरान, फिर भी कार्रवाई में देरी


जब अधिकारियों ने आसिफ की आर्थिक हालत और रहन-सहन को देखा, तो वह भी हैरान रह गए. उन्होंने जांच का आश्वासन दिया लेकिन काफी समय बीत जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, न ही नोटिस वापस लिया गया.

थक-हारकर 26 अप्रैल 2025 को आसिफ अली ने एसएसपी मेरठ डॉ. विपिन ताडा से न्याय की गुहार लगाई. इसमें उन्होंने किसी गिरोह द्वारा दस्तावेजों का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी करने की आशंका जताई.


SSP मेरठ ने दिए मुकदमा दर्ज करने के आदेश


मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी मेरठ ने इसे साइबर क्राइम थाना पुलिस को सौंपा और कंपनी से संबंधित दस्तावेज आयकर विभाग से मंगवाए.

जांच में सामने आया कि कंपनी के नाम पर करोड़ों का लेनदेन किया गया है. इसके बाद आसिफ अली की तहरीर पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ IPC की धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज निर्माण समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

बड़ा साइबर गिरोह हो सकता है शामिल


प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह सिर्फ एक मामला नहीं बल्कि एक संगठित साइबर क्राइम नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है.
पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि कंपनी का लेनदेन किन बैंक खातों के जरिए हुआ, और किस-किस फर्म या कंपनी से आर्थिक लेनदेन किया गया.

माना जा रहा है कि इस फर्जी कंपनी का इस्तेमाल काले धन को सफेद करने, ट्रांजेक्शन छुपाने, या आर्थिक अपराधों में किया गया हो सकता है.

SSP मेरठ का आधिकारिक बयान


एसएसपी मेरठ डॉ. विपिन ताडा ने बताया, “किठौर निवासी एक व्यक्ति के आधार और पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल कर दिल्ली में एक फर्जी कंपनी बनाई गई थी. इसी कंपनी के नाम पर आयकर विभाग ने पीड़ित को करोड़ों का नोटिस भेजा. जांच में धोखाधड़ी की पुष्टि हुई है और मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है.”
रकार और संबंधित एजेंसियां KYC प्रक्रिया को और सख्त बनाएं और आम नागरिकों को भी अपने दस्तावेजों की गोपनीयता बनाए रखने की सख्त हिदायत दी जाए.

ऐसे करें दस्तावेजों का सुरक्षित उपयोग


आधार और पैन कार्ड की कॉपी पर ‘Only for XXX Purpose’ लिखें.
कभी भी अज्ञात व्यक्ति या एजेंसी को दस्तावेज साझा न करें.
आधार कार्ड की ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री UIDAI की वेबसाइट से समय-समय पर चेक करें.
कोई संदिग्ध नोटिस या SMS आए तो तुरंत संबंधित विभाग में शिकायत दर्ज करें.

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