बिजली विभाग ने बुधवार को बिजली चोरी और बड़े बकायेदारों पर शिकंजा कसते हुए मॉस रेड अभियान चलाया. अधिशासी अभियंता शुभम पांडेय के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में जहां एक घर में बिजली चोरी पकड़े जाने पर एफआईआर दर्ज की गई. वहीं 3.86 लाख रुपये के बकायेदार 12 उपभोक्ताओं की बिजली सप्लाई काट दी गई. इसके अतिरिक्त मौके पर ही एक लाख रुपये से अधिक की वसूली भी की गई.
बिजली चोरी पकड़ने के लिए ट्रांसफॉर्मर पर लगाए गए मीटर
अधिशासी अभियंता शुभम पांडेय ने बताया कि अब विभाग की निगाहें ट्रांसफॉर्मर स्तर पर बिजली चोरी पर हैं. ट्रांसफॉर्मर पर विशेष मीटर लगाकर खपत और लोड का आंकलन किया जा रहा है. जहां-जहां बिजली की खपत अपेक्षाकृत अधिक पाई जाती है. उन क्षेत्रों के सभी कनेक्शनों की सघन जांच की जा रही है.
डिस्कॉम एमडी के निर्देश पर चलाया गया मेगा ड्राइव
डिस्कॉम के एमडी के निर्देश पर चिन्हित उच्च बिजली चोरी वाले क्षेत्रों में विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. बुधवार को कचहरी क्षेत्र में विभाग की तीन टीमों ने सुबह से ही घर-घर जांच शुरू कर दी. इसमें एसडीओ अमहट आशुतोष कुमार, एसडीओ पुरानी बस्ती पंकज कुमार, जेई अनुज, सत्यप्रताप और सत्येंद्र शामिल थे.
76 घरों की जांच से बिजली चोरों में मचा हड़कंप
अभियान के दौरान 76 घरों की बिजली खपत और मीटर कनेक्शन की जांच की गई. टीमों की अचानक कार्रवाई से बिजली चोरों में हड़कंप मच गया. अधिकारियों ने सख्त लहजे में चेताया कि 10 हजार रुपये से अधिक बकाया होने पर बिजली कभी भी काटी जा सकती है।
स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, गलत बिलिंग पर लगेगा ब्रेक
अधिशासी अभियंता ने यह भी बताया कि उपभोक्ताओं को सही और समय पर बिल उपलब्ध कराने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. इससे गलत रीडिंग और फर्जी बिलिंग की समस्या पर रोक लगेगी. स्मार्ट मीटर उपभोक्ता और विभाग दोनों के लिए पारदर्शी प्रणाली सुनिश्चित करेंगे.
बकाया उपभोक्ताओं से अपील
बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि बिजली का बिल समय पर जमा करें. ताकि अचानक बिजली कटौती से परेशानी न हो. विभाग का साफ कहना है कि लंबे समय तक बकाया रखने वालों पर अब नरमी नहीं बरती जाएगी.
जागरूकता के साथ कार्रवाई भी जरूरी
बिजली विभाग की इस कार्रवाई का उद्देश्य सिर्फ बिजली चोरी रोकना ही नहीं. बल्कि उपभोक्ताओं को जागरूक करना भी है. अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की सघन जांच और वसूली अभियान आगे भी चलाए जाएंगे. ताकि बिजली व्यवस्था को सुचारू और पारदर्शी बनाया जा सके.