धान की पराली से महिलाये कमा रही है लाखो की कमाई ,इतनी महिलाओं को मिल रहा है रोजगार ,इस सरकारी संस्था ने उठा याये बीड़ा

Saroj kanwar
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धान की पराली जलाने की बजाय उसका इस्तेमाल अन्य चीजों में करके कमाई कर सकते है। चलिए हम आपको बता दे की धान की पराली से महिलाएं कैसे कमाई कर रही है। फसल की कटाई और मिजाई के बाद जो अवशिष्ट पदार्थ बचता है कई किसान उसे खेत में जला देते हैं। इससे कई तरह के नुकसान होते हैं जैसे की मिट्टी का खराब होना ,मित्र कीट का खत्म होना ,मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होना , पर्यावरण प्रदूषण होना किसान के स्वास्थ्य पर बुरा असरपड़नाआदि लेकिन इन सब चीजों में से कई किसान अनजान होते हैं और पराली जला देते है। लेकिन पराली जलाने की जरूरत नहीं है क्योंकि पराली से कई तरह के उत्पाद बनाकर इसे कमाई की जा सकती है।

हरियाणा में अधिकतर किसान धान की खेती करते हैं

हरियाणा में अधिकतर किसान धान की खेती करते हैं और वहां धान की पराली जलाने की समस्या ज्यादा देखी जाती है। इससे पर्यावरण प्रदूषण फैल रहा है। लेकिन आप रूट्स फाउंडेशन एक ऐसा प्रोजेक्ट लिया जिसे पराली से उत्पादन बनाने की जानकारी दी जाती है। यही से महिलाये घरेलू उत्पाद बना रही है और करीब 3 साल के भीतर हुई तो 3 लाख हेक्टर जमीन में पराली जलाने की समस्या खत्म हुई और पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं फैल रहा है। खेती भी उपजाऊ है।

महिलाएं यह बनाकर अपनी आय में वृद्धि तो कर रही है साथ ही 10 लाख से अधिक किसानों की आय भी बढ़ी है। पराली का इस्तेमाल खाद बनाने के साथ-साथ कई तरह के उत्पाद बनाने में किया जा सकता है। धान की पराली को छोटे छोटे टुकड़ों में काटकर मिट्टी में मिलाकर मिट्टी को उपजाऊ बनाया जा सकता है। इसके अलावा पशुओं के चारे के रूप में पुआल का इस्तेमाल किया जाता है। कागज और पैकिंग का सामान भी इससे बनाया जा सकता है। बायो एनर्जी उत्पादन में मदद करती है।

रूट्स फाउंडेशन


रूट्स फाउंडेशन की मदद से पराली जलाने की समस्या कहीं हद तक कम हुई और इनका लक्ष्य ही आगे चलकर 40 हजार टन से अधिक प्रणाली को रिसाइकल करेंगे। रूट्स फाउंडेशन एक सरकारी संगठन है जो की बहुत अच्छा काम कर रही है। इस संस्था का उद्देश्य किसानों को पराली का इस्तेमाल के बारे में जानकारी देने के साथ पराली जलाने से होने वाली समस्याओं के बारे में अवगत करना और महिलाओं कोआत्मनिर्भर बनाना है।

रूट्स फाउंडेशन के को-फाउंडर ऋतिक बहुगुणा है, जिनका मानना है कि पराली को रिसाइकल करके इस्तेमाल किया जा सकता है, और इससे प्लास्टिक का उपयोग कम हो सकता है। जिससे प्लास्टिक के कारण फैलने वाला पर्यावरण प्रदूषण भी कम हो जाएगा। इस तरह रूट्स फाउंडेशन किसानों, महिलाओं की आर्थिक मदद करने के साथ-साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित रख रहे हैं।

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