केंद्रीय एम्पलॉयस की सेवानिवृत्ति की उम्र को लेकर देश में काफी चर्चा हो रही है। जहां एक और बढ़ती जनसंख्या और रोजगार दिलाने के लिए सरकार से उम्मीदे बढ़ रही है। वहीं दूसरी ओर सरकारी एम्पलाइज में भी यह डर बना हुआ है कि कहीं उन्हें जल्दी रिटायर कर दिया जाए या उनकी सेवा अवधि को कम कर दिया। इसी संदर्भ में संसद में सवाल उठे और सरकार ने इस पर बड़ा स्पष्ट बयान दिया है।
संसद में उठे सवाल-Retirement Age
संसद के पटल पर यह सवाल उठाया गया की क्या भारत सरकार सरकारी सेवा में बने रहने की अधिकतम आयु सीमा को घटाने जा रही है। सवाल का सार यह था कि क्या सरकारी डिपार्टमेंट को कम करने का कोई प्रस्ताव रख रही है ताकि नौकरी के अवसरों के लिए युवा वर्ग को ज्यादा जगह मिल सके। सवाल यह भी था कि की क्या सरकारी एम्पलाइजको उनके काम के आधार पर , उदाहरण के लिए 30 साल की सेवा के बाद रिटायर कर दिया जायेगा।
कुछ लोगों ने कहा की चिंगारी दिखाई दे रही तो वहां धुंआ तो जरूर उठ रहा है। ऐसे माहौल में Employees में चिंता का माहौल बन गया था।
केंद्र सरकार ने संसद में सवाल का जवाब देते हुए कहा कि , ना तो कोई चिंगारी जली है न ही कोई धुंआ उठ रहा है। सरकार ने ये साफ कर दिया है कि वर्तमान में सेवानिवृत्ति की उम्र में कोई कमी करने का फैसला नहीं लिया जा रहा है। इसका मतलब है सरकारी एम्पलाइज को सेवानिवृति की उम्र वही रहेगी जो अब तक लागू है। सरकार ने जोर देके कहा है किEmployees के मन में फालतू का डर बैठा हुआ है, और इसी बारे में कोई भी प्रस्ताव न तो है और ना ही इस पर विचार किया जा रहा है।
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या का सवाल
संसद में यह सवाल भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्य से उठाया था जिन्होंने पूछा कि क्या साल 2000 के बाद पैदा हुए लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए अपॉइंटमेंट की सेवानिवृत्ति की एक सीमा में बदलाव किया जाएगा। उनके प्र्शन्न में ते सवाल भी पूछा गया कि क्या 30 साल की नौकरी या 60 साल के अधिकतम उम्र में से जो भी पहले आये उस आधार पर सेवानिवृति की जाएगी। इस पर Sarkar ने स्पष्ट इंकार कर दिया कि ऐसा कोई बदलाव करने का कोई प्लान नहीं है।