भारतीय भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से बैंयह कों के ऊपर कड़ा प्रतिबंध लगाया जा रहा है। सभी को बता दें की आरबीआई की तरफ से भारत का एक बैंक को लाइसेंस रद्द कर दिया गया है इस बैंक का व्यवसाय पूरी तरीके से बंद हो चुका है। बैंक बंद होने के बाद ग्राहकों के पैसे का क्या होगा जानते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की तरफ से ग्राहकों के हित में हमेशा सख्त कदम उठाते रहते हैं
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की तरफ से ग्राहकों के हित में हमेशा सख्त कदम उठाते रहते हैं। बता दें की साल 2025 तक 27 बैंकों में जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा 0 NBFC का लाइसेंस रद्द हो चुका है। पिछले साल RBI की तरफ से 12 बैंकों का लाइसेंस रद्द किया गया था। बता दें कि अब तमिलनाडु में स्थित कोडालूर और DCCB कर्मचारी सहकारी बैंक लिमिटेड पर गाज गिरा है।RBI ने बैंक का लाइसेंस रद्द करते हुए 6 फरवरी 2025 से बैंकिंग कारोबार को बंद करने के आदेश दे दिए हैं। इस बैंक को 21 मार्च 2020 में लाइसेंस दिया गया था । बता दे की रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकिंग अधिनियम1949 की धारा 56 के साथ धारा36A(2) के अंतर्गत इस बैंक को एक गैर बैंकिंग संस्थान के रूप में अधिसूचित करने का फैसला लिया है।इस डिमांड डिपॉजिट स्वीकार करने की अनुमति नहीं होगी। डेबिट कार्ड पेमेंट ,कैश विड्रोल ,ऑनलाइन पेमेंट इत्यादि सेवाएं भी नहीं देने की घोषणा की गई है।
अनक्लेमड और अवनैतिक जमा राशि को चुकाना होगा।
आरबीआई की नोटिस के अनुसार ,कुडालोर और विल्लुपुरम DCCB के सहकारी बैंक लिमिटेड बैंकिंग संस्थान के रूप में अनुसूचित होने के बाद भी जब भी मांग की जाती है तो उसके द्वारा रखे गए सदस्यों के जमा की राशियों को चुकाना सुनिश्चित करना होगा ।
आप सभी को बता दें की RBI की तरफ से मुंबई के न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक करने पर पूरी तरीके पर रोक लगा दिया गया है। बैंक के ग्राहकों को अपना पैसा भी नहीं निकालने का निर्देश दिए गए हैं । यही नहीं केंद्रीय बैंक ने इस पर नए लोन देने ,पैसे निकालने और पैसे जमा करने के अलावा FD सभी पर रोक लगा दी गई है। रिजर्व बैंक का कहना है कि बैंक की स्थिति सुधारने तक यह प्रतिबंध लागू रहेगा।