यूरिक एसिड एक ऐसी परेशानी है जिसे आजकल कई लोग पीड़ित है। शरीर में यूरिक एसिड मात्रा की बढ़ाने को मेडिकल लैंग्वेज में हाइपरयूरिसीमिया कहते हैं। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें ब्लड में यूरिक जाकर जमा हो जाता है जो क्रिस्टल का रूप ले लेता है। यह हाथ और पैर के जोड़ों में सूजन और दर्द पैदा करता है। इस स्टोन की बीमारी का भी खतरा बढ़ जाता है। हालांकि इसको दवाइयां से ठीक किया जा सकता है। लेकिन आप इस बीमारी में पान का पत्ता भी उपयोग में ला सकते हैं।
आज हम आपको यूरिक एसिड में कैसे पान का पत्ता इस्तेमाल लिया जा सकता है इसके बारे में बताते हैं।
हाई यूरिक एसिड में कैसे करें पान के पत्ते का सेवन
दर्द और सूजन करें कम
पान के पत्तों में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो हमारे जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इस पत्ते का सेवन करने से शरीर में बढ़ावा यूरिक एसिड कंट्रोल हो सकता है। इसलिए यूरिक एसिड में रोज सुबह दो पान के पत्तों को चबाना चाहिए इससे काफी हद तक आराम मिलेगा।
कोल्ड कफ में राहत
इसका इस्तेमाल पुराने समय बुखार ,सर्दी ,सीने में दर्द और सांस संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में किया जाता रहा है जिन्हें सांस की समस्या है वह लोग के पान के पत्तों के साथ लॉन्ग पानी में उबालकर अच्छे से पिले। इससे बहुत ज्यादा फायदा मिलता है।
ब्रेस्टफीडिंग
कुछ माएं अपने बच्चों को दूध नहीं मिल पाए जिसके कारण उनके स्तनों में सूजन आ जाती है। ऐसे में पान के पत्तों को गर्म करके ब्रेस्ट पर रखकर बांध ले। इससे राहत मिलेगी।
सर दर्द कर कम
जिन्हे सर दर्द को परेशानी बहुत ज्यादा बनी रहती है ऐसे लोगों को पान के पत्तों को भिगोकर सिर पर रखने से तुरंत राहत मिलेगी। इसके अलावा आप पान का तेल भी उपयोग में ला सकती है।