माघ माह की समापन के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। पंचांग के अनुसार ,इसके बाद फाल्गुन माह की शुरुआत 13 फरवरी से होगी। वही इस माह का समापन 13 मार्च को होगा। फाल्गुन माह के प्रारम्भ से एक दिन पहले यानी 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। सनातन शास्त्र में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने का विधान है साथ ही विशेष चीजों का भी दान किया जाता है।
धार्मिकमान्यता है की की इन शुभ कामो को करने से व्यक्ति का मनचाहा कॅरियर मिलेगा साथ ही कई काम पूरे होंगे । अगर आप लंबे समय से पितृ दोष की समस्या का सामना कर रहे है तो पूर्णिमा पर दान करें। मान्यता है कि दान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
प्र्शन्न होगी लक्ष्मी
माघ पूर्णिमा की पूजा अर्चना के बाद श्रद्धा अनुसार मंदिरया फिर गरीब लोगों को धन और गर्म कपड़ों के दान करें। धार्मिक मान्यता है की माघ पूर्णिमा पर इन चीजों का दान करने से धन की देवी मन प्रसन्न होती है साथ ही रुका हुआ धन मिलता है।
धन से हमेशा भरी रहेगी तिजोरी
अगर आप जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं चाहते हैं माघ पूर्णिमा के दिन दूध का दान करें साथ ही महालक्ष्मी जी सुख शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें । मान्यता है की माघ पूर्णिमा के दिन दूध का दान करने से व्यक्ति को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती और हमेशा तिजोरी भरी रहती साथ ही जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
पितृदोष होगा दूर
अगर आप पितृ दोष की समस्या का सामना कर रहे हैं तो माघ पूर्णिमा की पूजा करने के बाद मंदिर में काले तिल का दान करें साथ ही माघ पूर्णिमा पर सूर्य देव का अध्र्य देना चाहिए । इन सब कामों को करने से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है उसकी समस्या छुटकारा मिलता है।