राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा देश के गरीब व्यक्ति की नागरिकों कम कीमत पर राशन प्राप्त किया जाता है। इस योजना के तहत पात्र नागरिकों को राशन कार्ड के माध्यम से राशन मिलता है। हाल ही में सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किये है जो सीधे तौर पर राशन प्राप्त करने की प्रक्रिया को प्रभावित करेंगे। इन बदलावों का उद्देश्य नागरिकों की पोषण स्तर को बेहतर बनाना है और योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाना है।
कार्ड धारको को फ्री में चावल उपलब्ध करवाया जाता था
पहले राशन कार्ड धारको को फ्री में चावल उपलब्ध करवाया जाता था लेकिन सरकार ने इस सुविधा को बंद कर दिया है। देश में लगभग 90 करोड़ नागरिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभान्वित हो रहे थे ,जिन्हें अब अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री जैसे गेहूं, दाल, चना, चीनी, नमक, सरसों का तेल, आटा, सोयाबीन और मसाले दिए जाएंगे। यह फैसला नागरिकों के पोषण स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है।
सरकार का यह कदम भोजन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य में सुधार लाने की प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि यह बदलाव उन लोगों के लिए चुनौती बन सकता है जो लम्बे समय से मुक्त चावल पर निर्भर थे।
ई-केवाईसी क्यों है अनिवार्य?
सरकार ने सभी राशन कार्ड धारकों को ईकेवाईसी अनिवार्य कर दी है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार ,ईकेवाईसी प्रक्रिया को पूरा करना सभी लाभार्थियों के लिए आवश्यक है। शुरुआत में इ -केवाईसी के अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2024 जो 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है। इस सीमा के भीतर केवाईसी नहीं करने वाले लाभार्थियों का राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा। ऐसे में राशन कार्ड धाराधारक का अगले महीने से राशन प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे। यह कदम लाभार्थियों की पहचान को सत्यापित करने और योजना में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का महत्व
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन वितरण प्रणाली को सुधारने और नागरिकों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने की कोशिश की जा रही है। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक पात्र नागरिक को सही मात्रा और गुणवत्ता का राशन मिले। इसके साथ ही, इस अधिनियम के तहत योजनाओं में हो रही अनियमितताओं को रोकने के लिए ई-केवाईसी जैसी प्रक्रियाएं अनिवार्य की गई हैं।