सीता को अपहरण करके लेके जाने वाले पुष्पक विमान का रावण के अंत के बाद क्या हुआ? ,यहां जाने

Saroj kanwar
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भगवान राम के 14 वर्ष की वनवास के कारण माता सीता काचल पूर्वक अपरहण कर लिया था। साधु के वेश में रावण ने भिक्षा की बहाने माता सीता को लक्ष्मण रेखा से बाहर बुलाकर अपहरण कर लिया। राक्षस राज रावण ने माता-पिता को पुष्पक विमान से अपना राज्य लंका ले गया था। आइये जानते हैं पुष्पक विमान के बारे में कुछ अनोखी बातें और लंका ने कहाँ उतारा था विमान।

विश्वकर्मा भगवान ने बनाया था पुष्पक विमान

पुष्पक विमान कई तकनीकों से लैस है। इसे आदिकाल का पहला विमान कहा जाता है। मान्यता है की पुष्पक विमान का निर्माण विश्वकर्मा भगवान ने किया था। विश्वकर्मा जी ने इस विमान को अपने पिता ब्रह्मा को दे दिया और बाद में ब्रह्मा जी ने पुष्पक विमान कुबेर को दे दिया। रावण ने कुबेर को हराने के बाद से पुष्पक विमान छीन लिया था।

इस तरह पुष्पक विमान पर रावण का कब्जा हो गया। रावण माता सीता को लेकर वहां से ले गया और वेरांगटोग में उतारा था। बाद में माता सीता को अशोक वाटिका में रखा था। भगवान राम के दूत के रूप में लंका पहुंचे। भगवान हनुमान अशोक वाटिका में माता सीता से मिले थे। उन्होंने भगवान राम की अंगूठी भेंट की थी।

पुष्पक विमान की खूबियां

पुष्पक विमान में कई खूबियां थी। ये विमान मोर की आकृति का था और हवा में उड़ता था। इस विमान को केवल वही उड़ा सकता था और जिसने मंत्र को सिद्ध किया हो। लंका पर विजय प्राप्त करने और रावण को अंत करने के बाद भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान से अयोध्या लौटे थे। उन्होंने पुष्पक विमान को विभीषण को सौंप दिया लेकिन विभीषण ने कुबेर को वापस यह विमान लौटा दिया।

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