पिछले 3 सालों में भारत की बिजली क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा का उत्पादन में काफी वृद्धि की है जिससे सरकार देश की स्वच्छ ऊर्जा वालों को पूरा करने की अपने प्रयासों को द्वारा साथ ही देश की कुल ऊर्जा आपूर्ति 2021-22 में 1,374,024 मिलियन यूनिट से 2023 में 1,622,020 MU तक की वृद्धि को दर्शाता है।
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की बढ़ती भूमिका
आज के समय में भारत के बिजली मिश्रण में अक्षय ऊर्जा को हिस्सेदारी 2023-24 में 12 पॉइंट 99% हो गई है जो 2021-22 में 11.46 परसेंट से शानदार वृद्धि को दर्शाता है। अक्टूबर 2024 तक भारत में अक्षय ऊर्जा कुल बिजली उत्पादन का 13 पॉइंट 85% हिस्सा थी जिससे कुल 1,52,960.81 MU में बिजली का उत्पादन होगा। भारत 2023 तक 500 गीगावॉट नॉन फॉसिल फ्यूल की वजह क्षमता के लक्ष्य को हासिल करने में केंद्रित है।
नवीन और नवीनकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने अक्षय ऊर्जा बनाने में तेजी लाने के लिए कई पहल शुरू की है। सरकार हर साल 50 गीगावाट की बोलियां जारी करेगी जिससे FY2023-24 से FY2027-28 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता के विस्तार को बढ़ावा मिलेगा। सरकार सोलर पवन और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना को बढ़ावा देने इंटर टेस्ट के लिए एनर्जी ट्रेड के लिए इंटरेस्ट रेट ट्रांसमिशन एक्सप्रेशन जारी किया। इसी के साथ सरकार ने 100 FDI को मंज़ूरी दी है जिससे अक्षय ऊर्जा की परियोजनाओं को आसानी मिलेगी। सरकार ने PLI योजना और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर योजना को बढ़ावा दिया है जिससे भारत में डोमेस्टिक विनिर्माण ग्रिड इंटीग्रेशन को भी बढ़ावा मिलता है ।
भारत में अक्षय ऊर्जा का बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर
नवीकरणीय ऊर्जा को और बढ़ाने के लिए भारत ने अपने बिजली के इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूत किया है। इसके लिए नई ट्रांसमिशन लाइन और सब-स्टेशन की स्थापना, हाइब्रिड पावर प्लांट को बढ़ावा देना, और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम और पम्प्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट का विकास शामिल है।