Dhanteras 2024: धनतेरस के दिन जरूर करें धन्वंतरि भगवान की पूजा, जानें ले सारे नियम

Saroj kanwar
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धनतेरस यानी धनत्रयोदशी का त्योहार को 29 अक्टूबर को म। नाया जाएगा। इस दिन धनबाद भगवान धन्वंतरि की जयंती मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ,धनतेरस के दिन किसी भी चीज की खरीदारी करना काफी शुभ होता है इसलिए लोग सोना ,चांदी, भूमि जैसे चीजों को खरीदें।

इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा विधि विधान से की जाती है आज इस खबर में जानेंगे भगवान धन्वंतरि की पूजा किस प्रकार करनी चाहिए।


पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ,धनत्रयोदशी या धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद प्रारंभ होता है। प्रदोष का शुभ मुहूर्त लगभग 2 घंटे 24 मिनट का होता है। इसलिए धनतेरस के दिन प्रदोष काल में पूजा करने का सबसे उत्तम मुहूर्त बताया है।

कैसे करें धन्वंतरि भगवान की पूजा
धन्वंतरि भगवान की पूजा कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल में की जाती है।
इस दिन पूजा घर में एक पाटा बिछाएं। उसमें लाल या पीला रंग का कपड़ा रखें और धन्वंतरि भगवान की मूर्ति या फोटो रखें।
फोटो रखने के बाद धन्वंतरि भगवान के साथ ही माता लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर देव की विधि-विधान से पूजा करें।
पूजा करने से पहले दीपक जलाएं। दीपक के नीचे चावल या धान रखें। उसके बाद तांबे के लोटे में जल लें।
जल लेने के बाद सभी देवी-देवताओं को स्नान कराएं और साथ ही आचमन करवाएं।
आचमन के बाद कुमकुम, रोली, पीला चावल, फूल, दूर्वा, पान, श्री फल और नैवेद्य अर्पित करें।
नैवेद्य अर्पित करने के बाद सभी देवी-देवताओं को प्रणाम करें।
बता दें कि भगवान धन्वंतरि की पूजा के दौरान ओम नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नम: मंत्र का जाप करें।
मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से रोग, पीड़ा और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती हैं।

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