भारतीय स्टेट बैंक के द्वारा नए और विभिन्न उत्पादों को लॉन्च करने की विचार कर रहा है ,जिससे आवर्ती जमा और इस सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान का संयोजन शामिल है। इस स्कीम का उद्देश्य अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करना है। भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष की सी एस सेठी ने पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में बैंक की योजना की जिक्र करती हुए बताया कि ग्राहकों की वित्तीय जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ उनकी विविध निवेश विकल्प की तलाश भी बढ़ती जा रही है।
ग्राहक एक से अधिक निवेश करने के विकल्प पर ध्यान दे रहे हैं
के अध्यक्ष ने कहा कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती जा रही है। वैसे भी ग्राहक एक से अधिक निवेश करने के विकल्प पर ध्यान दे रहे हैं और अपने निवेश के मूल्य को खोज रहे हैं । उन्होंने बदलती प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए कहा कि ,बिल्कुल कोई भी अपना सब कुछ जोखिम भरे सट्टे वाली संपत्ति में नहीं डालना चाहता।बैंकिंग प्रणाली हमेशा उनके निवेश में शामिल होंगे।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की फीचर्स को जोड़ता है
इसलिए हम ऐसी स्कीम लाने की कोशिश कर रहे है जो ग्राहकों को आकर्षित कर सके यह नवाचार विशेष रूप से युवा ग्राहकों, खास कर जेनरेशन जेड को आकर्षित करने के लिए बनाए जा रहे हैं सेठी ने एक ऐसे कोंबो उत्पाद की संभावना का उल्लेख किया जो निश्चित जवाब और आवर्ती जमा के साथ सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की फीचर्स को जोड़ता है जिससे की ग्राहक इनका डिजिटल तरीके से उपयोग कर सके। यह नवाचार विशेष रूप से युवा ग्राहकों, खास कर जेनरेशन जेड को आकर्षित करने के लिए बनाए जा रहे हैं।
हम दलों की जंग में शामिल नहीं होना चाहते हैं
नई स्कीम की डिस्कस पेशकश के साथ-साथ भारतीय स्टेट बैंक में जामा मोबाइल लाइजेशन को बढ़ाने के लिए एक बड़े पैमाने पर आउट रिच कार्यक्रम भी शुरू किया है। देश भर में अपने व्यापक भौतिक शाखा को नेटवर्क का लाभ उठाते हुए बैंक मौजूद और संभावित ग्राहकों के साथ जुड़ रहा है। यह भी बताया गया है कि ग्राहक सेवा और ब्याज दरें जमा मोबलाइजेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन उन्होंने कहा है कि हम दलों की जंग में शामिल नहीं होना चाहते हैं ।
लगभग 50% निश्चित जमा डिजिटल चैनल के माध्यम से खोले जा रहे हैं
यह सुझाव देते हुए भारतीय स्टेट बैंक का ध्यान संतुलंत ब्याज दर और बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करने पर है। भारतीय स्टेट बैंक में डिजिटल बैंकिंग में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है जिसमें की लगभग 50% निश्चित जमा डिजिटल चैनल के माध्यम से खोले जा रहे हैं। बैंक प्रतिदिन 50000 से 60000 बजट खाता खोल रहा है।जिसमें से कई प्रक्रियाएं डिजिटल तरीके से होती है । भविष्य की योजनाओं के संदर्भ में भारतीय स्टेट बैंक में अगले तीन से पांच सालों में एक लाख करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल करने का लक्ष्य रखा है। वित्तीय वर्ष 2024 में भारतीय स्टेट बैंक ने 61077 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया है ! जो की 21.59 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है ।