8वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच सबसे ज़्यादा बहस का विषय यह है कि आठवें वेतन आयोग का बकाया भुगतान कब होगा। लंबे समय से माना जा रहा था कि बकाया भुगतान 2027 या ज़्यादा से ज़्यादा दिवाली 2028 तक हो सकता है। हालाँकि, अब इस अटकलबाज़ी ने एक नया मोड़ ले लिया है। ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने दावा किया है कि सरकार की योजना के अनुसार, बकाया भुगतान 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले या उसके आसपास होने की संभावना है। इससे संकेत मिलता है कि कर्मचारियों को अभी और इंतज़ार करना पड़ सकता है।
चुनाव से पहले सरकार करेगी बड़ा फैसला
शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि वेतन आयोग की प्रक्रिया आमतौर पर 18 महीने तक चलती है, लेकिन यूनियन का प्रयास रहेगा कि आयोग एक साल के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ले। वह आयोग की अध्यक्ष रंजना प्रकाश देसाई से पूरी प्रक्रिया में तेज़ी लाने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आयोग स्वयं कार्यान्वयन की सिफारिश नहीं करता है, तो संघ सिफारिशों के शीघ्र कार्यान्वयन और बकाया राशि का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सरकार से सीधे बातचीत करेगा।
नया आयोग 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी होगा
एआईआरएफ के अनुसार, आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी मानी जाएँगी। इसके आधार पर सरकार को बकाया राशि के भुगतान की व्यवस्था पहले से करनी होगी। यह कदम कर्मचारियों और पेंशनभोगियों, दोनों के लिए राहत भरा हो सकता है, लेकिन इसे लागू करने से पहले कई वित्तीय और प्रशासनिक पहलुओं पर विचार करना होगा।
आठवें वेतन आयोग में क्या शामिल होगा?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि आठवें वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन ढांचे की समीक्षा करना है। इसमें वेतन, भत्ते, बोनस, ग्रेच्युटी और प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन शामिल होंगे। इसके अलावा, आयोग यह भी सुनिश्चित करेगा कि इससे केंद्र सरकार पर वित्तीय दबाव न बढ़े और आर्थिक संतुलन बना रहे।
आयोग को राज्य सरकारों के वेतनमानों की तुलना सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र के वेतनमानों से करके असमानताओं को दूर करने का भी कार्य सौंपा गया है।
आयोग संरचना रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने आयोग में तीन सदस्यों की नियुक्ति की है। सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्रोफेसर पुलक घोष अंशकालिक सदस्य हैं और पंकज जैन सदस्य-सचिव हैं। आयोग आवश्यकतानुसार अंतरिम रिपोर्ट भी जारी कर सकता है, जिससे समय-समय पर कर्मचारियों को राहत मिल सके।