निवेश के सुझाव: आजकल हर कोई रिटायरमेंट के बाद भी आमदनी बनाए रखना चाहता है। हालाँकि, भागदौड़ भरी जीवनशैली के कारण ज़्यादातर लोग 25 या 30 की उम्र तक रिटायरमेंट प्लानिंग को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। हालाँकि, युवाओं में वित्तीय सुरक्षा और पेंशन को लेकर जागरूकता बढ़ी है। अगर सही समय पर निवेश शुरू किया जाए, तो 30, 40 या 50 की उम्र में भी करोड़ों का रिटायरमेंट फंड बनाया जा सकता है।
30 वर्ष की आयु: चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति को समझें
30 वर्ष की आयु निवेश के लिए स्वर्णिम काल मानी जाती है। इस उम्र में सबसे बड़ा हथियार समय है। आप जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, चक्रवृद्धि ब्याज का प्रभाव उतना ही अधिक दिखाई देगा। नियमित मासिक SIP या इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश से औसतन 12% तक का रिटर्न मिल सकता है। इसके अतिरिक्त, भविष्य की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और टर्म लाइफ इंश्योरेंस जैसे विकल्पों में निवेश करना महत्वपूर्ण है।
40 वर्ष की आयु: ज़िम्मेदारियों और निवेश में संतुलन
40 वर्ष की आयु तक, परिवार और बच्चों की ज़िम्मेदारियाँ बढ़ जाती हैं। इस अवस्था में, निवेश और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है। NPS, EPF और SIP जैसे निवेश विकल्प इस उम्र में सबसे उपयोगी साबित होते हैं। सेवानिवृत्ति के लिए एक मजबूत कोष बनाने के लिए अपनी आय बढ़ने के साथ-साथ अपनी SIP राशि बढ़ाते रहें। इस उम्र में स्वास्थ्य बीमा महत्वपूर्ण है, क्योंकि बढ़ते चिकित्सा खर्च आपकी बचत पर भारी पड़ सकते हैं।
50 वर्ष की आयु: पूंजी सुरक्षा पर ध्यान दें
50 वर्ष की आयु में, आपका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि आपकी वर्तमान आय और निवेश सुरक्षित रहें। धीरे-धीरे इक्विटी निवेश कम करके फिक्स्ड इनकम या डेट फंड में निवेश करना एक समझदारी भरा कदम है। इससे जोखिम कम होता है और स्थिर रिटर्न सुनिश्चित होता है। इसके अलावा, एनपीएस और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में निवेश करके आप सेवानिवृत्ति के बाद भी नियमित आय प्राप्त कर सकते हैं, जो पेंशन की तरह काम करती है।