राजस्थान में 181 किमी रेलवे लाइन बनेगी डबल पटरी, 11 स्टेशनों की बढ़ेगी चमक-धमक

Saroj kanwar
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भारतीय रेलवे मंत्रालय द्वारा राजस्थान की जनता को एक बड़ी सौगात दी गई है। जिसके तहत प्रदेश में 181 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का दोहरीकरण किया जाएगा। और साथ ही 11 रेलवे स्टेशनों का नवीनीकरण भी किया जाएगा। इन रेलवे स्टेशनों का कायापलट होने के बाद यात्रियों को स्टेशन पर एक से बढ़कर एक सुविधा मिलेगी।

यात्रियों को यात्रा के दौरान किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा

रेलवे द्वारा राजस्थान में अपना रेल यातायात सुधारने के लिए लगातार कठिन परिश्रम किया जा रहा है। जिसके तहत राजस्थान में 181 किलोमीटर लम्बी आदर्श नगर से चंदेरी रेलवे योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। प्रदेश में रेल लाइन की दोहरीकरण के साथ रेलवे स्टेशन का निर्माण नवीनीकरण किया जाएगा । दोनों प्रोजेक्टों को पूरा होने के बाद राजस्थान की जनता को रेल सेवा की बेहतर सुविधा प्रदान होगी। यात्रियों को यात्रा के दौरान किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

रेलवे ने आदर्श नगर से चंदेरिया निर्माण की दूरी कारण कार्य को गति देने के लिए दो एईएन नियुक्त किया दोनों का मुख्यालय भीलवाड़ा रहेगा। इससे काम में तेजी आने की संभावना है अधूरी कारण कार्य जल्दी शुरू करने के लिए रेलवे ने बजट के साथ ही संबंधित निर्माण एजेंसी को वर्क आर्डर जारी किया। रेलवे ने 181 किलोमीटर के आदर्श नगर से चंदेरिया मार्ग के उत्तर व दक्षिण क्षेत्र के लिए दो एन के पद सुर्जीत किए हैं ।

नए पुल बनेंगे, नहीं होगा अधिग्रहण

डबललाइन का काम पूर्व दिशा की तरफ यानी जिला कलक्ट्रेट की दिशा में होगा। माना जा रहा कि इसके लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं करना पड़ेगा। रेलवे के पास पहले से इतनी जगह है कि किसी भवन या संस्थान को नहीं हटाना पड़ेगा। कुछ जगहों पर जरूर नए पुल बनाए जा सकते हैं।

स्टेशनों का होगा कायापलट

दोहरीकरण के साथ गुलाबपुरा, रूपाहेली, भोजरास, सरेरी, रायला, लाम्बिया, धुंवाला, मांडल, भीलवाड़ा, मंडपिया व हमीरगढ स्टेशनों का नवीनीकरण होगा। यहां फुटओवर ब्रिज, स्टेशन भवनों का नवनिर्माण, हाई लेवल प्लेटफार्म, प्लेटफार्म शेल्टर का भी निर्माण होगा। भीलवाड़ा स्टेशन का विकास कार्य अमृत भारत योजना तहत चल रहा है। इस पर 17.50 करोड़ रुपए व्यय होंगे।

सात साल से कार्य जारी

प्रोजेक्ट का सर्वे करीब 7 साल पहले शुरू हो गया था। एक बार डीपीआर बनने के बाद तत्काल जून 2021 में संशोधित डीपीआर भी रेलवे बोर्ड को भेजी गई थी। इसमें दोहरीकरण प्रोजेक्ट की लागत 1680 करोड़ रुपए आंकी गई थी। पिछले बजट में भी दोहरीकरण के लिए सर्वेक्षण का ही प्रावधान किया था।

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