एसआईपी निवेश: अगर आप आने वाले वर्षों में एक बड़ी राशि जमा करना चाहते हैं, तो जल्दी निवेश शुरू करना बेहद फायदेमंद है। छोटी-छोटी नियमित बचत भी लंबी अवधि में एक बड़ा कोष बना सकती है। लोग अक्सर सोचते हैं कि 15 साल में ₹50 लाख का कोष बनाने के लिए उन्हें हर महीने एसआईपी के ज़रिए कितना निवेश करना होगा।
इक्विटी स्कीमें बेहतर रिटर्न क्यों देती हैं
विशेषज्ञों का कहना है कि म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीमें लंबी अवधि में, खासकर 10 से 15 साल की अवधि में, बेहतर रिटर्न देती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि लंबी अवधि चक्रवृद्धि ब्याज को अपनी पूरी क्षमता से काम करने का मौका देती है। हालाँकि इक्विटी में जोखिम होता है, लेकिन समय के साथ बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता जाता है। अगर निवेशक ज़्यादा सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो वे अपनी कुछ रकम उच्च-गुणवत्ता वाली डेट स्कीमों में निवेश कर सकते हैं।
मासिक निवेश कितना होना चाहिए?
अगर कोई निवेशक 15 साल बाद 50 लाख रुपये का फंड बनाना चाहता है, तो उसकी SIP राशि पूरी तरह से उसके वार्षिक रिटर्न पर निर्भर करती है। अगर वार्षिक रिटर्न 9 प्रतिशत है, तो उसे लगभग 13,213 रुपये प्रति माह निवेश करना होगा। अगर रिटर्न 10 प्रतिशत है, तो आवश्यक SIP राशि घटकर 12,063 रुपये रह जाएगी। 11 प्रतिशत रिटर्न पर, मासिक निवेश लगभग 10,996 रुपये रह जाता है। 12 प्रतिशत रिटर्न पर, लगभग 10,008 रुपये प्रति माह निवेश करके 15 साल में 50 लाख रुपये का फंड बनाया जा सकता है।
अगर रिटर्न बढ़ता है, तो निवेश घटेगा
ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि निवेश का बोझ पूरी तरह से रिटर्न पर निर्भर करता है। अगर रिटर्न ज़्यादा है, तो SIP का बोझ काफी कम हो जाता है। इसलिए लंबी अवधि के लिए निवेश करना और चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ उठाना बेहद ज़रूरी है। 50 लाख रुपये का कोष बनाने के लिए, आपको 15 वर्षों में कुल 18 लाख रुपये से 24 लाख रुपये तक का योगदान करना होगा, जबकि शेष राशि चक्रवृद्धि ब्याज के माध्यम से जमा होगी।’
बड़ा फंड बनाने की आदतें
एसआईपी के ज़रिए धन संचय करते समय अनुशासन बेहद ज़रूरी है। अगर आप अपनी एसआईपी राशि हर साल लगभग 10 प्रतिशत बढ़ाते हैं, तो आपका धन संचय 15 सालों में ₹50 लाख से ज़्यादा हो सकता है। जल्दी निवेश शुरू करने का फ़ायदा यह है कि समय के साथ बाज़ार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है और रिटर्न ज़्यादा स्थिर होता है। नियमितता, धैर्य और अल्पकालिक बाज़ार की गतिविधियों की चिंता न करना, एक बड़ा कोष बनाने के सबसे आसान तरीक़े हैं।