रसोई वास्तु टिप्स 2025 – हिंदू धर्म में देवी अन्नपूर्णा को पोषण की देवी माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि उनके आशीर्वाद से घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती। परंपरा के अनुसार, रसोई को देवी अन्नपूर्णा का निवास माना जाता है, इसलिए परिवार में उनकी कृपा बनाए रखने के लिए कुछ खास नियमों का पालन करना ज़रूरी है। सकारात्मकता और समृद्धि बनाए रखने के लिए यहाँ कुछ महत्वपूर्ण रसोई संबंधी उपाय दिए गए हैं।
रसोई के लिए सर्वोत्तम दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई के लिए आदर्श स्थान घर का दक्षिण-पूर्व कोना है, क्योंकि यह अग्नि तत्व का स्वामी है। ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में खाना पकाने से समृद्धि आती है और भोजन की कमी नहीं होती। यदि दक्षिण-पूर्व में रसोई बनाना संभव न हो, तो उत्तर-पश्चिम दिशा भी उपयुक्त मानी जाती है। हालाँकि, रसोई को घर के उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम या मध्य में रखने की सलाह नहीं दी जाती, क्योंकि इससे वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं और पारिवारिक जीवन में चुनौतियाँ आ सकती हैं।
रसोई में पालन करने योग्य प्रमुख उपाय
टूटे-फूटे या चिपचिपे बर्तन कभी न रखें और रसोई में अनावश्यक सामान या उपकरण रखने से बचें। रात भर गंदे या झूठे बर्तन छोड़ने से नकारात्मकता आ सकती है, जिससे देवी अन्नपूर्णा नाराज़ हो सकती हैं। उनकी कृपा बनाए रखने के लिए रसोई को साफ़ और व्यवस्थित रखना ज़रूरी है।
वास्तु संबंधी गलतियाँ जिनसे बचना चाहिए
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई में शीशा नहीं लगाना चाहिए। झाड़ू या गंदे कपड़े जैसी चीज़ों को साफ़ करके सही तरीके से रखना चाहिए। एक साफ़-सुथरी और सुव्यवस्थित रसोई सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है, जबकि इन नियमों की अनदेखी करने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं और घर में ऊर्जा का प्रवाह बाधित हो सकता है।
इन सरल लेकिन ज़रूरी उपायों का पालन करके, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि देवी अन्नपूर्णा का आशीर्वाद आपके परिवार पर बना रहे और आपके घर में समृद्धि, खुशहाली और सद्भाव आए।