ये है भारत का सबसे खतरनाक झील, यहां जाने वाला कभी लौटकर नहीं आया वापस, जानें 

Saroj kanwar
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Mysterious Indian lake: भारत में घूमने के एक से बढ़कर एक तू सूरज जगह है जहां बड़े पैमाने पर टूरिस्ट घूमने जाते हैं। हालांकि भारत में कुछ खतरनाक जगह भी है जहां जाने वाला वापस लौट कर नहीं आता। आज हम आपको एक ऐसे ही खतरनाक जगह के बारे में बताएंगे।

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित रूपकुंड झील, जिसे “कंकाल झील” के नाम से भी जाना जाता है, भारत की सबसे रहस्यमयी और खतरनाक झीलों में से एक है। यह झील समुद्र तल से लगभग  16,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और चारों ओर बर्फ और ग्लेशियरों से घिरी हुई है। झील का रहस्य इसे और भी रोमांचक बनाता है, क्योंकि इसमें सैकड़ों मानव कंकाल पाए गए हैं।

रूपकुंड झील का रहस्य


जब गर्मियों में बर्फ पिघलती है, तो झील के किनारों और तल में कंकाल दिखाई देते हैं। 1942 में एक ब्रिटिश वन अधिकारी ने पहली बार इन कंकालों की खोज की थी। इन कंकालों का वैज्ञानिक अध्ययन बताता है कि ये _9वीं शताब्दी के तीर्थयात्रियों के हैं, जो संभवतः एक भीषण ओलावृष्टि में मारे गए थे।

हालांकि, झील के रहस्य को लेकर कई पौराणिक और धार्मिक कहानियां भी प्रचलित हैं। स्थानीय मान्यता है कि ये कंकाल देवी नंदा देवी के कोप का परिणाम हैं, क्योंकि तीर्थयात्रियों ने देवी का अपमान किया था।

यहां जाने वाले क्यों नहीं लौटे?


1. मौसम की चुनौती:
रूपकुंड झील का मौसम बेहद अप्रत्याशित है। अचानक होने वाली बर्फबारी, हिमस्खलन और तेज हवाएं यात्रियों के लिए जानलेवा हो सकती हैं।

2. ऑक्सीजन की कमी:
झील की ऊंचाई पर ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम होता है, जिससे लोग ऊंचाई की बीमारी (Altitude Sickness) का शिकार हो जाते हैं।

3. खतरनाक रास्ते:
झील तक पहुंचने का मार्ग बेहद दुर्गम और जोखिमभरा है। संकरी पगडंडियां, पथरीले रास्ते और गहरी खाइयां इसे और भी चुनौतीपूर्ण बनाती हैं।

4. रहस्यमय घटनाएं:
स्थानीय लोगों के अनुसार, झील के आसपास अजीबोगरीब ध्वनियां सुनाई देती हैं। इसे देवी-देवताओं का क्षेत्र माना जाता है, और इस जगह को छेड़ना अशुभ समझा जाता है।

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