मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफाई कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए एक असाधारण कदम उठाया है। उन्होंने समारोह में घोषणा की कि उनकी मेहनत की कमाई कोई भी हड़प नहीं पाएगा। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि आने वाले दिनों में सफाई कर्मचारियों के बैंक खातों में सीधे ₹16,000 से ₹20,000 तक की राशि हस्तांतरित की जाएगी। इस प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) से उन्हें पूरा वेतन मिलेगा और शोषण की संभावना समाप्त होगी। इस फैसले से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
₹5 लाख का आयुष्मान कार्ड
मुख्यमंत्री योगी ने सफाई कर्मचारियों और उनके परिवारों की स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक और बड़ी घोषणा की है। सरकार जल्द ही सफाई कर्मचारियों को आयुष्मान भारत कार्ड प्रदान करेगी। इस कार्ड से उन्हें ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। यह स्वास्थ्य बीमा आपात स्थिति और गंभीर बीमारियों की स्थिति में उनके परिवारों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच का काम करेगा, जिससे उन्हें इलाज के लिए कर्ज लेने से मुक्ति मिलेगी।
महर्षि वाल्मीकि जयंती पर अवकाश और सम्मान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा” के अंतर्गत उत्कृष्ट योगदान देने वाले सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया और उन्हें सफाई किट वितरित कीं। उन्होंने सफाई कर्मचारियों पर पुष्प वर्षा भी की। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 7 अक्टूबर को भगवान महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि की असाधारण भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे सनातन धर्म के भाग्य विधाता और भारत की ऋषि परंपरा के रचयिता थे, जिन्होंने विश्व के महानतम महाकाव्य की रचना की।
दिवाली पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा और समाज में एकता का आह्वान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में इस अभियान की शुरुआत की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रत्येक नागरिक में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करना था। मुख्यमंत्री योगी ने समाज से दिवाली के अवसर पर प्रत्येक सफाई कर्मचारी को मिठाई बांटने की अपील की।
उन्होंने कहा कि हर गरीब के घर में दीये जलें और दिवाली की खुशियाँ सभी तक पहुँचें। उन्होंने कहा, “यही समाज की समरसता है। हमारा काम जोड़ना है, जबकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस तोड़ने में लगे हैं। हमें समाज को बंटने नहीं देना चाहिए।” यह ऐतिहासिक घोषणा सफाई कर्मचारियों को आत्म-सम्मान और आर्थिक सुरक्षा देने की दिशा में एक असाधारण प्रयास है।