“मेरा दिल भी कितना पागल है…” जब खामोशी में भी मोहब्बत बोल उठती है

Saroj kanwar
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Old Hindi Song: 1991 में आई फिल्म सजन का यह गीत “मेरा दिल भी कितना पागल है…” आज भी दिलों में जिंदा है। इसे आवाज़ दी है कुमार सानू और अलका याज्ञनिक ने, गीत लिखा समीर ने और संगीत रचा नदिम-श्रवण की मशहूर जोड़ी ने।

गाने में जो दर्द है, वो हर उस दिल का है जिसने कभी किसी को बेइंतहा चाहा हो। परदे पर संजय दत्त और माधुरी दीक्षित की खामोश केमिस्ट्री इस गाने को और भी गहरा बना देती है। ये गाना कहता नहीं, बस महसूस कराता है।

बोल कुछ यूं हैं
“ये प्यार तो तुमसे करता है, पर सामने से कहता नहीं…”
बस यही सच्चाई है उस मोहब्बत की जो जुबां पर तो नहीं, पर आंखों में साफ झलकती है।

इस गाने की सबसे बड़ी खूबी इसकी सादगी है, ना कोई भारी सीन, ना दिखावा। सिर्फ एक नर्म एहसास, जो हर सुनने वाले को कहीं न कहीं छू जाता है। 30 से ज्यादा साल बाद भी ये गाना उतना ही ताजा लगता है। इंटरनेट पर इसे लाखों बार सुना जाता है, और हर बार किसी नई याद के साथ जुड़ता है।

“मेरा दिल भी कितना पागल है” सिर्फ एक रोमांटिक गाना नहीं है, बल्कि एक पूरी पीढ़ी की अधूरी मोहब्बतों की आवाज़ बन गया है। जब भी दिल उलझा हो, बस इसे सुनिए… जवाब अपने आप मिल जाएगा।

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