MGNREGA जॉब कार्ड: केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (MGNREGA) के अंतर्गत आने वाले करोड़ों श्रमिकों के लिए एक बड़ा अपडेट जारी किया है। सरकार ने ई-केवाईसी को नौकरी सत्यापन का सबसे सटीक और आसान तरीका बताया है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, इसका उद्देश्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को पारदर्शी और प्रभावी तरीके से लागू करना है, ताकि ग्रामीण परिवारों को इसका लाभ मिल सके। लगभग 99.67% सक्रिय मनरेगा श्रमिक पहले ही आधार से जुड़ चुके हैं। गौरतलब है कि 2.69 लाख ग्राम पंचायतें मनरेगा योजना के अंतर्गत आती हैं, जिनमें 26 करोड़ से ज़्यादा पंजीकृत श्रमिक हैं।
हर 5 साल में नवीनीकरण आवश्यक
केंद्रीय मंत्रालय के अनुसार, जॉब कार्ड सत्यापन एक सतत प्रक्रिया है, हालाँकि हर पाँच साल में एक बार जॉब कार्ड का नवीनीकरण अनिवार्य है। इन कानूनी प्रक्रियाओं को सुगम और समर्थित बनाने के लिए, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे मौजूदा प्रक्रिया का पालन करते हुए, जॉब कार्ड सत्यापन और उसके बाद नवीनीकरण के लिए एनएमएमएस ऐप (राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली) में पहले से उपलब्ध ई-केवाईसी सुविधा का उपयोग करें। इस सरल उपाय का उद्देश्य राज्यों को समय पर, पारदर्शी और कुशल तरीके से सत्यापन पूरा करने में मदद करना है।
चूँकि 99.67% सक्रिय श्रमिकों का आधार पहले ही लिंक हो चुका है, इसलिए ई-केवाईसी सुविधा का उपयोग जॉब कार्डों के सत्यापन के लिए एक सरल, विश्वसनीय, सटीक और कुशल तरीके के रूप में किया जा सकता है। ई-केवाईसी के दौरान, ग्राम रोजगार सहायक/कार्यस्थल पर्यवेक्षक/मेट/कोई अन्य ग्राम पंचायत स्तर का कर्मचारी मनरेगा श्रमिक की तस्वीर (एनएमएमएस ऐप पर ई-केवाईसी सुविधा के माध्यम से) लेता है, जिसका वास्तविक समय में उसके आधार विवरण के साथ डिजिटल सत्यापन किया जाता है।
यह प्रक्रिया एक श्रमिक द्वारा एक मिनट में पूरी की जाती है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार इस योजना को जमीनी स्तर पर लागू करने में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने तथा प्रत्येक वास्तविक श्रमिक के अधिकारों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, ताकि वे बिना किसी बाधा के अधिनियम के तहत अपना उचित वेतन प्राप्त कर सकें।