मध्य प्रदेश में कृषि उपज मंडियों में ऑनलाइन सिस्टम से लिंक, टैक्स चोरी की संभावना समाप्त, किसानों को मिल रहा पूरा लाभ

Saroj kanwar
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agricultural produce markets : मध्य प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में आय और आवक में वृद्धि होना चाहिए। ऑनलाइन मंडी सिस्टम होने से अब टैक्स चोरी की कोई संभावना नहीं रह जाती है।

मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के प्रबंध संचालक एवं सह आयुक्त कुमार पुरुषोत्तम ने मंडी सचिवों को निर्देशित किया है कि मंडी की प्रगति के साथ किसानों की समस्या को प्राथमिकता से हल करने का दायित्व है। काम में कोताही बरतने वालों का सचिव संज्ञान लेकर कार्रवाई सुनिश्चित करें। उज्जैन के मंडी सचिव अश्विनी सिन्हा ने बताया ऑनलाइन सिस्टम से व्यवहार ठीक से हो रह्य है।

प्रबंध संचालक के निर्देश का पालन किया जा रहा है। उज्जैन मंडी में कृषि उपज में सोयाबीन, गेहूं, चना के मुख्य व्यापार पर मंडी फीस भी शत-प्रतिशत मिलने के साथ प्रतिभूति से अधिक उपज खरीदी पर संज्ञान भी लिया जाता है। किसानों को नीलामी स्थल पर परेशानी अथवा उपज मांगने वालों की तादाद जीरो होना चाहिए।

इसके अलावा आलू, प्याज, लहसुन मंडी को पूर्णरूप से ऑनलाइन सिस्टम से लिंक कर इसकी अपडेट प्रतिदिन ली जा रही है। मंडी में प्रतिदिन सीजन में 6 से 7 करोड़ रुपए की कृषि उपज किसान नीलामी में बेचने आ रहे हैं और ऑफ सीजन में भी प्रतिदिन एक से डेढ़ करोड़ रुपए की उपज किसान बेचने आते हैं। किसानों की सुविधा के लिए मंडी में गंदगी और जलभराव के साथ नीलामी प्लेटफॉर्म पूर्ण रूप से खाली होना जरूरी है।

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