वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के पास मंदिर होना शुभ नहीं माना गया है यदि मंदिर की छाया घर पर पड़ती है तो उसे वास्तुदोष कहा जाता है। प्रातः काल जब सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा जो घर में सुख शांति शांति के लिए आवश्यक है मंदिर की छाया के बाधित हो सकती है। यह न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से रूप से भी एक चिंताजनक विषय है।
लोगों अक्सर मानते हैं कि बंदे के पास रहने से आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति का माहौल बना रहेगा। हालाँकि की वास्तु शास्त्र के अनुसार ,यह स्थित कई दोष उत्पन्न कर सकती है मंदिर की छाया यदि छह घंटे अधिक समय तक घर पर रहती हैतो इसे ‘छाया वेध’ के रूप में जाना जाता है। ऐसे में घर की शांति और समृद्धि प्रभावित हो सकती है।
मंदिर की दुरी का महत्व
यदि घर शिव मंदिर से 7:30 मीटरके भीतर है तो यह कष्टकारी हो सकता है। भगवान विष्णु के मंदिर से 30 फीट के घेरे के मकान होने से अमंगल की संभावना रहती है। देवी माता के मंदिर में 180 मीटर के अंदर के घरो में रोग और दोष का असर होता है। हनुमान जी के मंदिर 120 मीटर के भीतर होने से घर का वास्तु दोष बढ़ सकता है।
वास्तुदोष दूर करने के उपाय
शिव मंदिर के प्रभाव से बचने के लिए भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा या चित्र लगाए। यदि घर के ठीक सामने शिव मंदिर तो मुख्य द्वार के नीचे तांबे का सर्प का जोड़ा गाड़ दें। भैरव नाथ के मंदिर के पास घर हो तो मुख्य द्वार पर कौवे को रोटी खिलाने की आदत डालें। देवी मंदिर के पास वास्तु दोष से बचने के लिए देवी के अस्त्र के प्रतीक को घर के मुख्य द्वार पर स्थापित करें।