बिहार एग्जिट पोल – एग्जिट पोल में एनडीए की अनुमानित जीत पर तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया

Saroj kanwar
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बिहार एग्जिट पोल – बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों के मतदान के बाद तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। एक दिन पहले जारी सभी एग्जिट पोल में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया था। ये एग्जिट पोल महागठबंधन के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहे हैं। वहीं, विपक्षी नेता इन एग्जिट पोल को सही मानने को तैयार नहीं हैं।

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सभी एग्जिट पोल को फर्जी बताया है। उन्होंने महागठबंधन की सरकार बनने और 18 नवंबर को महागठबंधन के शपथ ग्रहण की घोषणा करके सबको चौंका दिया। उन्होंने ऐलान किया कि बिहार में कलम का राज चलेगा। नौकरियों और रोजगार के बड़े अवसर पैदा होने वाले हैं।

चुनाव आयोग को चेतावनी
पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मतगणना में किसी भी तरह की गड़बड़ी की कोशिश की गई, तो जनता करारा जवाब देगी। जनता किसी भी तरह की कुर्बानी के लिए तैयार है। बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी ने कहा कि एग्जिट पोल भाजपा और खासकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर कराए गए थे।

लोकसभा चुनाव के अलावा पश्चिम बंगाल और झारखंड विधानसभा चुनाव में भी इसी तरह के फर्जी एग्जिट पोल किए गए थे, जो चुनाव नतीजों के बाद गलत साबित हुए। उन्होंने आगे कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में राज्य भर में 72 लाख अधिक वोट पड़े। इसका मतलब है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 32,500 अधिक लोगों ने मतदान किया। ये वोट बदलाव के लिए हैं।

मतगणना की गति धीमी हो सकती है- तेजस्वी।
तेजस्वी यादव ने मतगणना की धीमी गति पर आशंका जताई। उन्होंने कहा कि धीमी गति के पीछे धांधली हो सकती है। जनता में दहशत फैलाने के लिए ज़िलों में सैन्य फ़्लैग मार्च निकाले जा सकते हैं। हालाँकि, लोग डरेंगे नहीं और अनियमितताओं के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

तेजस्वी ने कहा कि फ़र्ज़ी सर्वेक्षणों का मुख्य उद्देश्य मतगणना में शामिल अधिकारियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना है, जिससे वे राज्य और केंद्र सरकारों के दबाव में आ जाएँ। ऐसा 2020 में भी हो चुका है, जब हमारी सरकार लगभग बन ही गई थी।

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