बगैर जीएसटी नंबर के फर्जी बिल से लाखों की धांधली, जांच जारी

Saroj kanwar
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Chhatarpur News: बड़ामलहरा जनपद की पनवारी पंचायत में फर्जी बिल बनाकर लाखों रुपये की राशि हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। पंचायत में सीसी सड़क, नाली निर्माण और अन्य परियोजनाओं के लिए भुगतान किया गया था, लेकिन जांच में सामने आया कि सरपंच और सचिव ने अपने सगे-संबंधियों के नाम पर फर्जी फर्म बनाकर बिल अपलोड किए और राशि निकाल ली। अधिकांश बिल बिना जीएसटी और टिन नंबर के ही पंचायत के डिजिटल पोर्टल पर दर्ज किए गए।

ग्रामीणों का आरोप है कि बिलों में रेत, गिट्टी और ईंट की कीमतें वास्तविक बाजार दर से दोगुनी दिखाई गईं। उदाहरण के लिए, रेत और गिट्टी के लिए प्रति ट्रॉली चार हजार रुपए के बिल बनाए गए जबकि बाजार भाव मात्र दो हजार रुपए प्रति ट्रॉली है। इसी तरह अन्य फर्जी फर्मों के माध्यम से भी बड़ी राशि हड़पने की कोशिश की गई।

स्थानीय लोगों ने इस संबंध में जनपद के अधिकारियों को शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत और कमीशनखोरी के कारण भ्रष्टाचार को रोकने में बाधा आ रही है।

बड़ामलहरा एसडीएम ने कहा कि मामले की जांच जारी है और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीण और समाजिक संगठन इस मामले पर निगरानी रख रहे हैं ताकि किसी भी तरह की अनियमितता को उजागर किया जा सके। पंचायत स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए अब सभी बिलों और भुगतान प्रक्रियाओं की कड़ी निगरानी की जाएगी।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि डिजिटल पोर्टल पर भी बिल सत्यापन और प्रमाणिकता की जांच अत्यंत आवश्यक है, ताकि विकास कार्यों में अनावश्यक धन हानि न हो और वास्तविक लाभार्थियों को समय पर लाभ पहुंच सके।

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