पैसे बचाने के टिप्स: अक्सर लोग अपनी पूरी आमदनी एक ही बैंक खाते में जमा कर देते हैं और उसी खाते से सारे लेन-देन करते हैं। EMI कटती है, मोबाइल से UPI पेमेंट होते हैं, किराया चुकाया जाता है और ज़रूरत से ज़्यादा खरीदारी भी होती है। जब इन सभी खर्चों का अलग-अलग हिसाब नहीं होता, तो पैसों पर नियंत्रण धीरे-धीरे कम होता जाता है। आपको पता भी नहीं चलता कि ज़रूरी खर्चे कब गैर-ज़रूरी आदतें बन जाते हैं।
पैसों का हिसाब रखना मुश्किल क्यों हो जाता है?
जब वेतन, खर्चे और निवेश सब एक ही जगह से आते हैं, तो यह समझना मुश्किल हो जाता है कि कितना पैसा ज़रूरी चीज़ों पर खर्च हुआ और कितना गैर-ज़रूरी। EMI और रोज़मर्रा के खर्चे चुपचाप बचत को कम कर देते हैं। यही वजह है कि अच्छी आमदनी होने के बावजूद कई लोग निवेश नहीं कर पाते।
30-30-40 का नियम क्या है?
30-30-40 का नियम एक सरल धन प्रबंधन सूत्र है जिसमें आपकी आय को तीन भागों में बांटा जाता है। एक भाग दैनिक खर्चों के लिए, दूसरा भाग EMI और ऋणों के लिए, और तीसरा भाग बचत और निवेश के लिए होता है। इस नियम को सही ढंग से लागू करने का सबसे कारगर तरीका तीन अलग-अलग बैंक खाते रखना माना जाता है।
वेतन खाता
वेतन खाता वह खाता है जिसमें केवल आपकी मासिक आय जमा होती है। इस खाते से कोई भी प्रत्यक्ष खर्च नहीं किया जाना चाहिए। महीने की शुरुआत में, इस खाते से केवल दो लेनदेन करें। पहला लेनदेन खर्चों और EMI के लिए निर्धारित राशि को दूसरे खाते में स्थानांतरित करना है। दूसरा लेनदेन बचत और निवेश के लिए तीसरे खाते में राशि स्थानांतरित करना है।
खर्च खाता
व्यय खाते में आपकी आय का वह हिस्सा होता है जिसका उपयोग दैनिक खर्चों और EMI भुगतान के लिए किया जाता है। किराया, किराने का सामान, बिजली और पानी के बिल, ऑनलाइन खरीदारी और UPI लेनदेन सभी इसी खाते से किए जाने चाहिए। अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड को इस खाते से लिंक करने से खर्च पर बेहतर नियंत्रण बनाए रखने में मदद मिलती है और अधिक खर्च की संभावना कम हो जाती है।
निवेश खाता
निवेश खाते का एकमात्र उद्देश्य निवेश करना है। इसमें आय का वह हिस्सा होता है जो भविष्य में वृद्धि के लिए होता है। शेयर, म्यूचुअल फंड SIP, बॉन्ड, गोल्ड ETF, FD और RD जैसे सभी निवेश इसी खाते से किए जाते हैं। इस खाते से कोई खर्च नहीं किया जाता है, जिससे निवेश की आदत मजबूत होती है और एक ही जगह पर रिटर्न को ट्रैक करना आसान हो जाता है।
तीन बैंक खाते रखने के प्रमुख लाभ
तीन अलग-अलग बैंक खाते होने से आपको यह स्पष्ट रहता है कि आपका पैसा कहाँ जा रहा है। निवेश नियमित हो जाते हैं और खर्चे अपने आप सीमित हो जाते हैं। इससे मानसिक तनाव कम होता है और भविष्य की योजना बनाना अधिक विश्वसनीय हो जाता है। अंततः, यह आदत वित्तीय स्वतंत्रता की ओर एक मजबूत कदम साबित होती है।