मातृ वंदना योजना: भारत सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और समाज में उनकी स्थिति सुधारने के लिए कई प्रमुख योजनाएँ चलाती है। इन्हीं में से एक है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)। यह योजना विशेष रूप से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए शुरू की गई है, जिन्हें गर्भावस्था और प्रसव के दौरान वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है।

इस योजना के तहत, सरकार कुल ₹11,000 की वित्तीय सहायता सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित करती है। यह सहायता माँ और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य, पोषण और देखभाल को सुनिश्चित करती है। जानें कि इस योजना का लाभ कैसे उठाएँ और पूरी आवेदन प्रक्रिया क्या है।
₹11,000 की वित्तीय सहायता
मातृ वंदना योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के दौरान पोषण, आराम और चिकित्सा जाँच की ज़रूरतों को पूरा करना है। सरकार यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के माध्यम से हस्तांतरित करती है। पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को कुल ₹5,000 की वित्तीय सहायता मिलती है। यह राशि पोषण और स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तीन किस्तों में जारी की जाती है।

इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए, अगर किसी महिला की दूसरी संतान बेटी है, तो उसे अतिरिक्त ₹6,000 की सहायता भी प्रदान की जाती है। इससे कुल सरकारी सहायता ₹11,000 हो जाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त पोषण और समय पर उपचार मिले, जिससे नवजात शिशु के स्वास्थ्य में सुधार हो। अब तक लाखों महिलाओं को इस योजना का लाभ मिला है।
योजना के लिए आवेदन कैसे करें
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए आवेदन करना अब बेहद आसान हो गया है। इच्छुक महिलाएं योजना की आधिकारिक वेबसाइट (pmmvy.wcd.gov.in) पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भर सकती हैं। आवेदकों की आयु कम से कम 19 वर्ष होनी चाहिए। देश की हर पात्र महिला, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग महिलाएं और आयुष्मान भारत योजना की लाभार्थी शामिल हैं, इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
ऑनलाइन आवेदन करते समय आपके पास अपना राशन कार्ड, बैंक पासबुक, पहचान पत्र और गर्भावस्था संबंधी मेडिकल रिपोर्ट तैयार होनी चाहिए। ध्यान रहे कि आवेदन बच्चे के जन्म के 270 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। अगर आप पात्र हैं, तो जल्द से जल्द आवेदन करें।