उत्तर प्रदेश सरकार लंबे समय से किसानों के लिए काम कर रही है। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के पंजीकरण की प्रक्रिया में तेज़ी ला दी है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी ज़िलों के ज़िलों को पीएम किसान पोर्टल पर किसानों का विवरण अपडेट करने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार ने भी किसानों से वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए अपना नाम पंजीकृत कराने को कहा है। 16 अक्टूबर से 30 नवंबर तक विशेष पंजीकरण शिविर आयोजित किए जाएँगे, जिनमें हर गाँव में कम से कम एक शिविर अनिवार्य होगा ताकि पंजीकरण और अद्यतन कार्य मौके पर ही किया जा सके।
यद्यपि राज्य में कुल पंजीकरण का 50% से अधिक कार्य पूरा हो चुका है, कुछ ज़िलों ने व्यक्तिगत रूप से इससे भी बेहतर प्रदर्शन किया है। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, इन जिलों में रामपुर (61.37%), बिजनौर (58.92%), हरदोई (58.31%), श्रावस्ती (58.01%), पीलीभीत (57.58%), अंबेडकर नगर (57.46%), मुरादाबाद (57.17%), बरेली (56.80%), गाजियाबाद (56.79%) और कौशाम्बी (56.09%) शामिल हैं। योगी सरकार ने किसानों से आग्रह किया है कि वे अपनी पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर लें ताकि वे अगली पीएम किसान सम्मान निधि किस्त पाने से न चूकें।
किसे मिलेगी आर्थिक मदद?
किसान पंजीकरण का लाभ केवल पीएम किसान सम्मान निधि योजना में ही नहीं, बल्कि कई अन्य योजनाओं में भी मिलेगा। किसान पंजीकरण पूरा होने के बाद, हर बार किसानों से जानकारी एकत्र करने का झंझट खत्म हो जाएगा।
इस योजना से किसानों को कैसे लाभ होगा
इस योजना के तहत, किसानों को एक विशिष्ट कोड दिया जाएगा जिससे सरकारी दस्तावेजों और योजनाओं में उनकी पहचान होगी। इस कोड के आधार पर, किसानों को फसल बीमा, कृषि उपकरणों पर सब्सिडी और किसान क्रेडिट कार्ड जैसे लाभ प्राप्त होंगे। चाहे कोई किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाता हो या नहीं, अगर वह किसी भी सरकारी योजना से जुड़ना चाहता है, तो उसे किसान के रूप में पंजीकरण कराना होगा। यह पंजीकरण सरकार के लिए एक डेटाबेस तैयार करेगा, जिससे लाभ प्रदान करना आसान हो जाएगा।
इससे धोखाधड़ी पर भी अंकुश लगेगा, क्योंकि कोई भी गलत जानकारी देकर सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाएगा। किसान रजिस्ट्री से किसानों के सभी खेत ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएँगे, जिससे सरकार को उनके रकबे और फसलों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। किसान का आधार नंबर किसान रजिस्ट्री से जुड़ा होगा। आधार नंबर जुड़ जाने के बाद, सभी जानकारियों का सत्यापन आसान हो जाएगा। इसके अलावा, किसान की जानकारी बार-बार दर्ज करने की भी आवश्यकता नहीं होगी।
अगर कोई किसान किसी भी योजना का लाभ उठाना चाहता है, तो उसे बस अपना विशिष्ट किसान रजिस्ट्री नंबर दर्ज करना होगा। इस नंबर से उसकी सारी जानकारी एक ही बार में उपलब्ध हो जाएगी।