पीएफआरडीए ने एनपीएस नियमों में बदलाव किया, कंपनियों और कर्मचारियों को अधिक अधिकार दिए

Saroj kanwar
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एनपीएस के नए नियम: पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने कॉर्पोरेट नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नए नियमों का उद्देश्य पेंशन फंड चयन और निवेश विकल्पों में अधिक पारदर्शिता और साझेदारी को बढ़ावा देना है। इन दिशानिर्देशों का मुख्य उद्देश्य दीर्घकालिक निवेश रणनीतियों पर केंद्रित एक मज़बूत ढाँचा तैयार करना है।

कॉर्पोरेट एनपीएस मॉडल में बदलाव

कॉर्पोरेट एनपीएस मॉडल के तहत, नियोक्ता अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन फंड खाते खोलते हैं और संयुक्त रूप से योगदान कर सकते हैं। पहले जारी किए गए नियम सितंबर 2025 में लागू होने थे, लेकिन संशोधित दिशानिर्देश अब कंपनियों के पास दो विकल्प देते हैं: वे संयुक्त योगदान मॉडल अपना सकते हैं या केवल नियोक्ता योगदान मॉडल चुन सकते हैं। यह बदलाव कर्मचारियों को अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर स्वैच्छिक अतिरिक्त योगदान करने की स्वतंत्रता भी देता है।
पेंशन फंड चयन के लिए सहमति आवश्यक है

7 नवंबर, 2025 को जारी परिपत्र में कहा गया है कि पेंशन फंड चयन और परिसंपत्ति आवंटन संबंधी निर्णय प्रबंधन और कर्मचारियों दोनों की सहमति से लिए जाएँगे। पेंशन फंड का प्रारंभिक चयन प्रत्येक वर्ष समीक्षा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। कोई भी परिवर्तन केवल आपसी सहमति से ही किया जा सकता है, जिसमें फंड के दीर्घकालिक प्रदर्शन को प्राथमिकता दी जाएगी। पीएफआरडीए स्पष्ट रूप से कहता है कि निवेश संबंधी निर्णय अल्पकालिक बाजार उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होने चाहिए।

कर्मचारियों के लिए बढ़ा हुआ अंशदान

परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारी एनपीएस के बहु-योजना ढांचे (एमएसएफ) के तहत स्वैच्छिक अंशदान कर सकते हैं। उनकी जोखिम क्षमता और निवेश उद्देश्य के आधार पर विभिन्न निवेश विकल्प उपलब्ध होंगे। यदि किसी कर्मचारी को फंड चयन के संबंध में कोई शिकायत है, तो उन्हें पहले अपने मानव संसाधन विभाग से संपर्क करना चाहिए, और यदि कोई समाधान नहीं मिलता है, तो शिकायत को आगे बढ़ाया जा सकता है। कंपनियाँ, यदि चाहें, तो कर्मचारियों को आपसी सहमति के बिना भी, स्वतंत्र रूप से अपने निवेश विकल्प चुनने की अनुमति दे सकती हैं।
नए नियमों का क्या प्रभाव होगा?

पीएफआरडीए के अनुसार, इन नए दिशानिर्देशों का मुख्य उद्देश्य एनपीएस में पारदर्शिता बढ़ाना और कॉर्पोरेट क्षेत्र में पेंशन प्रबंधन को अधिक संरचित और सुरक्षित बनाना है। वार्षिक समीक्षा, आपसी समझौते और कर्मचारी-केंद्रित निवेश विकल्प न केवल सेवानिवृत्ति योजना को मज़बूत करेंगे, बल्कि कर्मचारियों की वित्तीय साक्षरता और निवेश निर्णयों में उनकी भागीदारी भी बढ़ाएँगे। ये सुधार एक अधिक सूचित और वित्तीय रूप से सुरक्षित कार्यबल के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

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