पंचामृत बनाने का सही तरीका: भारतीय घरों में, धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान पंचामृत का भोग लगाने की परंपरा है। इसे जीवन के पाँच तत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश – का प्रतीक माना जाता है। ‘पंच’ का अर्थ है ‘पाँच’ और ‘अमृत’ का अर्थ है ‘अमरता का अमृत’।
यह पंचामृत पाँच पवित्र सामग्रियों से बनता है: घी, शहद, दूध, दही और चीनी। लोकप्रिय शेफ पंकज भदौरिया के अनुसार, पंचामृत बनाते समय, न केवल सामग्री पर ध्यान देना ज़रूरी है, बल्कि उन्हें मिलाने की सही मात्रा और क्रम पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। आइए जानें पंचामृत बनाने की विधि:

पंचामृत सही तरीके से कैसे तैयार करें?
चरण 1- 1 छोटा चम्मच घी – सबसे पहले घी डालें। घी ज्ञान और पवित्रता की अग्नि का प्रतीक है, जो भीतर से नकारात्मकता को दूर करता है।
चरण 2- 2 बड़े चम्मच शहद – यह एकता और सद्भाव का प्रतीक है।
चरण 3- 4 बड़े चम्मच मिश्री – यह स्थायी मिठास का प्रतीक है।
चरण 4- 8 बड़े चम्मच दही – यह परिवर्तन और समृद्धि का प्रतीक है।

चरण 5- 16 बड़े चम्मच दूध – यह सृष्टि की करुणा और पोषण शक्ति का प्रतीक है।
पंचामृत का आध्यात्मिक महत्व क्या है?
शेफ पंकज के अनुसार, पंचामृत केवल धार्मिक अनुष्ठानों का ही हिस्सा नहीं है, बल्कि यह जीवन के पाँच मूलभूत गुणों – पवित्रता, मधुरता, एकता, परिवर्तन और करुणा – का भी प्रतिनिधित्व करता है। सही अनुपात और क्रम में तैयार किया जाए तो यह शरीर और आत्मा, दोनों को शुद्ध करता है।