नवरात्रि पर छतरपुर में सजेगी आस्था, 300 से ज्यादा दुर्गा प्रतिमाएं होंगी विराजमान

Saroj kanwar
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Chhatarpur News: इस साल नवरात्रि का शुभारंभ 22 सितंबर से हो रहा है और इसका समापन 1 अक्टूबर को होगा। खास बात यह है कि इस बार नवरात्रि पूरे दस दिनों तक चलेगी और पूरे समय सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है।

कलाकारों की तैयारियां पूरी रफ़्तार पर

छतरपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों में मूर्तिकारों ने दुर्गा प्रतिमाओं के निर्माण का कार्य लगभग अंतिम चरण में पहुँचा दिया है। इस बार कलाकार प्रतिमाओं को विशेष स्वरूपों में तैयार कर रहे हैं। कहीं मां दुर्गा को पालकी पर बैठा दिखाया जा रहा है, तो कहीं भगवान शिव, भगवान विष्णु, श्रीराम और लक्ष्मण के साथ उनके स्वरूप को गढ़ा गया है।
कलाकारों का कहना है कि इस साल अच्छी बारिश हुई है, इसलिए माता की प्रतिमा को समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक बनाकर प्रस्तुत किया जा रहा है। शहर में ही 300 से अधिक दुर्गा प्रतिमाएं विराजेंगी, जबकि पूरे क्षेत्र में करीब 2000 प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है।

नवरात्रि का धार्मिक महत्व

पंडितों के अनुसार साल में चार नवरात्र होते हैं—दो प्रत्यक्ष (चैत्र और आश्विन मास) तथा दो गुप्त (माघ और आषाढ़ मास)। आश्विन मास की नवरात्रि में भक्त विशेष उत्साह से मां दुर्गा की पूजा करते हैं। इस बार मां दुर्गा हाथी (गज) पर सवार होकर आएंगी, जिसे समृद्धि और शुभ संकेत माना जाता है।

नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना से होती है। इसके बाद नौ दिनों तक माता के नौ स्वरूपों—शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

पूजन-विधि और अनुष्ठान

पंडितों के अनुसार भक्तों को नवरात्रि के दौरान घट स्थापना, अखंड ज्योति प्रज्वलित करना और जावरे बोना चाहिए। हर दिन सुबह-शाम माता की पूजा के साथ शिव और भैरव का पूजन करना भी फलदायी माना गया है।
नवमी के दिन कन्या पूजन, हवन और भोज का आयोजन कर नवरात्रि का समापन करना चाहिए। पूर्णाहुति के समय दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ विशेष रूप से लाभकारी माना गया है।

आध्यात्मिक साधना और लाभ

नवरात्रि को आत्मिक शक्ति बढ़ाने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है। इस दौरान साधक संयम, उपवास, जप, योग और साधना से अपनी आध्यात्मिक शक्ति को जाग्रत करते हैं। कहा जाता है कि इस अवधि में शिव-शक्ति की साधना से सभी प्रकार के कष्ट, रोग और दोष दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

छतरपुर में इस बार नवरात्रि का उत्सव विशेष धूमधाम से मनाया जाएगा। शहर के हर कोने में प्रतिमाएं विराजेंगी और भक्ति का माहौल बनेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग के संयोग के कारण यह नवरात्रि और भी खास होगी। भक्तों की आस्था और कलाकारों की मेहनत मिलकर इस बार छतरपुर को भक्ति और उल्लास से भर देंगे।

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