दमोह की हॉकी खिलाड़ी बनीं बीएसएफ की जवान

Saroj kanwar
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Damoh News: दमोह की 19 साल की रितिका विश्वकर्मा ने स्पोर्ट्स कोटे से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में चयन पाकर शहर और परिवार का नाम रोशन किया है। जबलपुर नाका निवासी रितिका हॉकी में मिडफील्ड प्लेयर हैं। उनके पिता अनिल विश्वकर्मा ट्रक मैकेनिक हैं और माता अंजू गृहिणी। गुरुवार को उनका बीएसएफ में पहला कार्यदिवस था और अब उनकी पहली पोस्टिंग राजस्थान बॉर्डर पर हुई है।

खेल जीवन में रितिका ने राउरकेला, ओडिशा में हुए जूनियर नेशनल हॉकी में हिस्सा लिया था और वहां उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर अपनी क्षमता साबित की। इस उपलब्धि के बाद दिल्ली में निकली बीएसएफ भर्ती में उन्होंने आवेदन किया और चयन प्रक्रिया में चयनित होकर मेरिट लिस्ट में स्थान बनाया। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अब रितिका देश की सेवा के लिए सीमापार तैनात होंगी।

रितिका ने बताया कि वह दमोह की पहली खिलाड़ी हैं जिनका चयन खेल कोटे से राष्ट्रीय सुरक्षा बल में हुआ है। अभी तक वह जूनियर टीम से हॉकी खेलती रहीं हैं, लेकिन अब बीएसएफ की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनकर देश के लिए भी खेलेंगी। टीम में उनकी भूमिका मिडफील्ड प्लेयर की होगी  ऐसे प्लेयर ही गोल बनाने और विरोधी के हमलों को रोकने दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

दमोह के खेल क्षेत्र में और भी कई युवा खिलाड़ी स्पोर्ट्स कोटे से बढ़ रहे हैं। कुछ खिलाड़ी एथलेटिक्स और हैंडबॉल में राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हैं और हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों और पुलिस विभागों में चयन पा रहे हैं। यह रुझान स्थानीय युवा प्रतिभाओं को खेल के प्रति प्रेरित कर रहा है और खेल के जरिए करियर बनाने के नए रास्ते खोल रहा है।

रितिका के परिवार और शहरवाले उनकी सफलता पर गर्व कर रहे हैं। अब जब वह अपने पहले पदस्थापन पर जा रही हैं, तो पूरे परिवार और शहर की शुभकामनाएँ उनके साथ हैं उम्मीद है कि रितिका देश की सुरक्षा और खेल दोनों में अपना योगदान देंगी। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत और अनुशासन से वे आगे भी संघर्ष करेंगी। उनकी सफलता से युवा खिलाड़ियों को नई प्रेरणा मिलेगी। सबको बेहद गर्व है।

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