जर्जर स्कूल भवन गिरा, नया अब तक नहीं बना; एक कमरे में 76 बच्चों की पढ़ाई

Saroj kanwar
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Chhatarpur News: राजनगर विकासखंड के कोडन और लखरी गांवों के सरकारी स्कूलों में बच्चे बेहद मुश्किल हालात में पढ़ाई कर रहे हैं। करीब एक साल पहले इन दोनों प्राथमिक स्कूलों के जर्जर भवनों को कलेक्टर के आदेश पर गिरा दिया गया था। इसके बाद भवन निर्माण के प्रस्ताव तो मंजूर हो गए, लेकिन अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है।

लखरी के प्राथमिक स्कूल में 110 बच्चे पढ़ते हैं। भवन टूटने के बाद शुरू में बच्चों को खुले में बैठाकर पढ़ाया गया। अब बारिश के चलते उन्हें गांव के पुराने पंचायत भवन में शिफ्ट किया गया है। वहां तीन कमरे हैं। एक कमरे में स्टाफ और सामान रखा गया है, बाकी दो कमरों में सभी बच्चे बैठते हैं।

पहले कमरे की लंबाई 10 फीट और चौड़ाई 13 फीट है, जिसमें 35 बच्चे बैठते हैं। दूसरे कमरे की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 13 फीट है, जिसमें कक्षा 1 से 3 तक के 73 बच्चों को बैठाया गया है। इतनी भीड़ के कारण पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।कोडन के प्राथमिक स्कूल की हालत और भी खराब है। वहां अब सिर्फ एक ही कमरा बचा है।

इसी कमरे में कक्षा 1 से 5 तक के 76 बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इस कमरे की लंबाई 13 फीट और चौड़ाई 20 फीट है। दो शिक्षक भी इसी कमरे में बैठते हैं और सारा सामान भी वहीं रखा गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने भवन गिराने से पहले बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। अब बच्चे तंग हालात में पढ़ने को मजबूर हैं। अभिभावकों का कहना है कि सरकार को बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है, नेता मंदिरों की सजावट में व्यस्त हैं और स्कूलों की हालत पर किसी का ध्यान नहीं है। भवन निर्माण के लिए मंजूरी तो मिली है लेकिन बजट जारी नहीं हुआ है।

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