छोटे से गांव बकपुरा की बड़ी पहचान: बगाज माता मंदिर

Saroj kanwar
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Damoh News: बकपुरा एक छोटा सा गांव है जिसका नाम आसपास के कुछ गाँवों  कछियाखेरा, बेलाताल, जटठवा और भागलपुर  के साथ मिलाकर ही ग्राम पंचायत के रूप में दर्ज किया गया। इस तरह कुल मिलाकर 1158 मतदाता शामिल होकर ग्राम पंचायत का गठन संभव हो पाया। गांव में प्राथमिक स्कूल, सीसी रोड और नालियों का निर्माण जैसे बुनियादी काम हुए हैं, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में ग्रामीणों को इलाज के लिए टीकमगढ़ जिला मुख्यालय तक जाना पड़ता है।
गांव की सबसे बड़ी विशेषता बगाज माता का मंदिर है। इसे सिद्ध शक्तिपीठ माना जाता है और इसके संबंध में लोगों में गहरी आस्था है। यहाँ ऐसी मान्यता है कि मातारानी के मंदिर में श्रद्धा रखने से जहरीले जीवों जैसे सांप, बिच्छू या अन्य काटने वाले जीवों  के दंश का असर कम हो जाता है। कई लोग मानते हैं कि सिर्फ मंदिर की परिक्रमा करने भर से भी पीड़ितों को राहत मिलती है।

पुराने लोग बताते हैं कि एक व्यक्ति को माता ने स्वप्न में दर्शन दिये और मडिया पर उनकी लीला के चलते जख्मी लोग ठीक हो गए; तब से यह आस्था लगातार बढ़ती गई।मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों के साथ सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के ललितपुर और झांसी से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं। पहले यहाँ केवल एक छोटी मडिया थी, पर पिछले आठ-दस वर्षों में religious क्षेत्र में काफी विकास हुआ है और अब मंदिर बेहतर स्वरूप में है। नवरात्र और विशेष अवसरों पर यहां मेले और भारी भीड़ लगती है, जहाँ हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति रहती है और वे मातारानी के आगे अपनी मन्नतें मांगते हैं। स्थानीय त्योहार और परंपराएँ भी अब मंदिर से जुड़ी दिखती हैं।

ग्राम पंचायत की सामान्य जानकारी में बताया गया है कि यहां की आबादी लगभग 3500 है और साक्षरता दर करीब 80 प्रतिशत है। जिला मुख्यालय से गांव की दूरी 17 किलोमीटर है और हाईवे से कनेक्टिविटी तीन किलोमीटर है। प्रमुख फसलें उड़द, सोयाबीन और गेहूं हैं, तथा आय के साधन मुख्यतः खेती और पशुपालन हैं। यह मंदिर बकपुरा की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान है।

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