छात्रावासों में नियुक्तियों पर खरगापुर विधायक ने उठाए सवाल, जतारा विधायक ने मांगी सड़क निर्माण की जानकारी

Saroj kanwar
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Chhatarpur News: विधानसभा में खरगापुर विधायक चंदारानी गौर ने अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री से पूछा कि जतारा और डूडा छात्रावासों में एक ही परिवार के लोगों को शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्त कर लोक सेवक कैसे माना गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन अधीक्षकों ने शासन की योजनाओं में करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया है। साथ ही यह जानना चाहा कि इनकी नियुक्ति किस नियम के तहत हुई और जांच कब तक पूरी होगी।

मंत्री नागर सिंह चौहान ने जवाब में बताया कि नारायणदास वर्मा को 24 अगस्त 2019 को डूडा छात्रावास और माधुरी वर्मा को 29 नवंबर 2021 को जतारा छात्रावास में प्रतिनियुक्त किया गया। उन्होंने कहा कि दोनों एक ही परिवार के नहीं हैं। हालांकि भारती वर्मा, जो जतारा के छात्रावास में पदस्थ हैं, नारायणदास की पत्नी हैं लेकिन प्रतिनियुक्त नहीं हैं। विभाग के अनुसार माधुरी, भारती की बहन हैं, लेकिन प्रतिनियुक्ति में किसी गड़बड़ी की शिकायत नहीं आई है, इसलिए जांच नहीं की गई। प्रतिनियुक्ति की अवधि आदेश की तारीख से दो साल तक बढ़ाई गई है।

वहीं जतारा विधायक हरिशंकर खटीक ने राज्य वन मंत्री दिलीप अहिरवार से पूछा कि टीकमगढ़ जिले के वन ग्रामों को मुख्य सड़कों से जोड़ने की योजना क्या है। उन्होंने आलपुर से प्रतापपुर तिराहा तथा हरिनगर लोधी बस्ती से हुडा रोड तक बनने वाली सड़कों की तकनीकी स्वीकृति, लंबाई, वर्षवार स्वीकृत राशि और अब तक की स्थिति की जानकारी मांगी।

इस पर वन मंत्री ने बताया कि अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है क्योंकि लोक निर्माण विभाग ने इन सड़कों के लिए भारत सरकार की ऑनलाइन पोर्टल (परिवेश) पर आवेदन नहीं किया है। वन भूमि पर सड़क बनाने के लिए वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत अनुमति लेनी होती है। जब तक यह अनुमति नहीं मिलती, तब तक न वृक्षारोपण हो सकता है और न ही बजट तय किया जा सकता है। अनुमानित लागत 480 लाख रुपये बताई गई है लेकिन स्वीकृति की कोई तय समय-सीमा नहीं है।

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