घरेलू बाजार में सोना और चांदी रिकॉर्ड ऊंचाई पर,एक्सपर्ट ने बताया 2026 में इतने तक पहुंच सकते हैं चांदी के रेट

Saroj kanwar
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व्यापार युद्ध, ट्रंप टैरिफ, कई देशों में तनाव की स्थिति और अन्य वैश्विक चुनौतियां के चलते सोने और चांदी की कीमतों में हर रोज रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है।

आलम यह है कि गोल्ड  इस साल अब तक करीब 33800 महंगा हो चुका है। 31 दिसंबर 2024 को घरेलू मार्केट में सोना 78950 रुपए प्रति 10 ग्राम के रेट पर बंद हुआ था । जो मंगलवार को एक ही दिन में 5080 रुपए महंगा होकर 112750 पर ट्रेड किया। सोने में निवेश को को इस साल 43 फ़ीसदी रिटर्न मिल चुका है। 

अगर हम चांदी की बात करें तो चांदी भी सोने से पीछे नहीं है चांदी में निवेश करने वाले ने इस साल में अब तक 44 फ़ीसदी का मुनाफा कमाया है। 31 दिसंबर 2024 को चांदी 8970 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट पर बंद हुई जो अगले दिन मंगलवार को एक 128800 प्रति किलोग्राम के नए रेट पर जा पहुंची।

ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज मोतीलाल ने बताया कि औद्योगिक मांग डॉलर में कमजोरी के बीच सुरक्षित निवेश के लिए मांग बढ़ने से सोने और चांदी में अधिक तेजी आई है.

चांदी घरेलू मार्केट में अगले 6 महीने में 135000 और 12 महीने में डेढ़ लाख रुपए प्रति किलो ग्राम तक जा सकती है।

सोने में तेजी के कारण 

कमजोर डॉलर :  डॉलर सूचकांक फरवरी के महीने में 110 से टूटकर 97.7 पर आ पहुंचा । कमजोर डॉलर अन्य मुद्राओं में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए सोने को सस्ता बना रहा है।

नौकरियों में अधिक गिरावट : अमेरिका जैसे देश में गैर कृषि क्षेत्र में 125000 की अपेक्षा सिर्फ 73000 नौकरियां ही मिली जिससे डॉलर में भारी कमजोरी आई।

ब्याज दर में कुटौती : जुलाई के महीने में अमेरिका में महंगाई दर 2.7 फ़ीसदी पर टिकी रही इससे बाजार में उम्मीदें बढ़ीं की फेडरल रिजर्व इस साल के अंत तक ब्याज दरों में 60 आधार अंकों की कटौती करने वाला है।

सोना एक सुरक्षित निवेश : कई देशों में तनाव की स्थिति व्यापार युद्ध और फेडरल रिजर्व पर ट्रंप के दबाव से सोने की मांग बढ़ी, क्योंकि सोना एक सुरक्षित निवेश है। 

चांदी की कीमतों में तेजी के कारण 

सौर पैनल,

इलेक्ट्रिक वाहन और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है, जबकि खदानों से इसकी आपूर्ति 30 फीसदी से भी कम के स्तर पर बनी है।

निवेश मांग में वृद्धि : 2025 की पहली छमाही में

ईटीएफ के रूप में 9.5 करोड़ औंस चांदी खरीदी गई, जिससे कुल होल्डिंग 1.13 अरब औंस पहुंच गई।

निवेशकों के लिए अब आगे क्या…

सोना : 2025 में इसके 3,400-3,600 डॉलर के दायरे में रहने का अनुमान है। जब तक वैश्विक व्यापार तनाव नहीं घटता, सोने में गिरावट की संभावना नहीं दिखती।

चांदी : औद्योगिक मांग व निवेश बढ़ने से इसके 45-50 डॉलर प्रति औंस के दायरे में बने रहने का अनुमान है।

सोना-चांदी अनुपात: यह अनुपात अभी 88 के

स्तर पर है, जो कोरोना काल के औसत (90) के करीब है। लेकिन, ऐतिहासिक मानदंडों (65-70) से ऊपर है, जो बताता है कि चांदी की कीमतें और बढ़ेंगी।

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