खतरनाक गड्ढों के कारण ट्राला नाले में गिरा, रेस्क्यू ऑपरेशन से बचीं दोनों ड्राइवरों की जान

Saroj kanwar
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Burhanpur News: पंधाना से आइल प्लांट जाते हुए एक ट्राले के दुर्घटनाग्रस्त होने का मामला सामने आया है। ड्राइवर अब्दुल्ला और क्लिनर प्रवीण मोरे की जान उस समय बची जब ट्राला गहरे गड्ढे में फंसकर नाले में गिर गया। यह घटना पंधाना रोड पर खैगांवड़ा गांव के पास हुई, जहां सड़क के गड्ढों की वजह से वाहन का नियंत्रण खो बैठा। ट्राले में 28.5 टन सोयाबीन लोड था।

अब्दुल्ला ने बताया कि गाड़ी हरदा से खंडवा तक तो ठीक चली, लेकिन पंधाना रोड पर हालात खराब हो गए थे। यहां पग-पग पर गहरे गड्ढे थे। एक कार को बचाने के प्रयास में उनका ट्राला एक गड्ढे में फंस गया, जिससे कमानी टूट गई और गाड़ी अनियंत्रित हो गई। यह ट्राला पुलिया से करीब 15 फीट नीचे नाले में गिर गया। हालांकि, नाले में पानी कम था, इसलिए जान का नुकसान नहीं हुआ।

गाड़ी में फंसे ड्राइवर और क्लिनर को बाहर निकालने के लिए कई लोग जुटे। करीब पौन घंटे तक रेस्क्यू चला, तब जाकर दोनों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। ड्राइवर ने कहा कि पंधाना रोड पर गाड़ी चलाना अब डरावना लगता है।

सड़क निर्माण की खामियां

ट्राला पुलिया से टकराया और गिरते वक्त पुलिया की रेलिंग भी टूट गई। जब रेलिंग नीचे गिरी, तो पता चला कि इसमें सरिए तक नहीं लगे थे। रोड निर्माण से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी पुलिया या सड़क की रेलिंग को मजबूत बनाना जरूरी है, ताकि दुर्घटना के वक्त कोई वाहन रुक सके।

पीडब्ल्यूडी की लापरवाही

पंधाना, मूंदी, डुल्हार जैसी सड़कों के गड्ढों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि सड़क निर्माण के दौरान सही मेंटेनेंस का ध्यान नहीं रखा जाता है, और रोड जल्दी खराब हो जाते हैं। कई बार जिम्मेदार अधिकारी कहते हैं कि सड़क पर भारी लोड होने के कारण यह खराब हुई, लेकिन असल में पहले से ही डिजाइन और क्रस्ट को सही तरीके से तैयार नहीं किया जाता।

सड़क मरम्मत में देरी

खंडवा-डुल्हार रोड पर ग्रामीणों और नेताओं द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद पीडब्ल्यूडी ने गड्ढों को भरना शुरू किया, लेकिन मोटी गिट्टी डालने के बाद उसे दबाने का तरीका गलत था। पैरों से दबाकर गिट्टी को बराबर किया जा रहा था, जिसके कारण गिट्टी उड़कर राहगीरों को चोट लगने का डर बना हुआ है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक सही तरीके से काम नहीं होगा, सड़क की हालत सुधरने वाली नहीं है। सड़क के रख-रखाव के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सख्ती से काम पर लगाना जरूरी है। अगर समय पर इन सड़कों का ध्यान नहीं रखा गया, तो और अधिक हादसों का सामना करना पड़ सकता है।

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