नई दिल्ली: अगर आपके परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी है, तो यह खबर आपके लिए बड़ी राहत साबित होगी। केंद्र की मोदी सरकार ने कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अब सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाभों में देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए सरकार ने नए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं।
सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी कर्मचारी को अपनी पेंशन या पेंशन भुगतान आदेश के लिए महीनों इंतज़ार न करना पड़े। यानी अब सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन भुगतान आदेश के लिए लंबा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा, जो निश्चित रूप से एक अच्छी खबर है।
जानें पूरी जानकारी
केंद्र सरकार ने भी नई गाइडलाइन जारी कर एक अच्छी खबर दी है। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे सेवानिवृत्ति से पहले पीपीओ जारी करना सुनिश्चित करें।
सरकार ने सभी विभागों को कर्मचारी सेवा पुस्तिकाओं का डिजिटलीकरण करने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावा, अब हर कर्मचारी का रिकॉर्ड ई-एचआरएमएस प्रणाली के माध्यम से ऑनलाइन होगा। इससे पेंशन प्रक्रिया और भी आसान और पारदर्शी हो जाएगी।
सभी विभागों में पेंशन मित्र बनाए जाएँगे।
केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार, हर विभाग में एक पेंशन मित्र बनाया जाएगा। एक कल्याण अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को फॉर्म भरने, दस्तावेज़ तैयार करने और पेंशन के लिए आवेदन करने में सहायता कर सकेगा।
कर्मचारी की मृत्यु होने पर, ये अधिकारी परिवार को पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने में भी सहायता कर सकेंगे। अब पेंशन वितरण में सतर्कता मंजूरी की कमी बाधा नहीं बनेगी। अगर कोई कर्मचारी किसी कारणवश जाँच के घेरे में है, तो भी उसे अंतरिम ज़मानत दी जाएगी। ग्रेच्युटी केवल अंतिम आदेश तक ही रोकी जा सकेगी।
कब तक पीपीओ की आवश्यकता है?
सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण नियम बनाए हैं जिन्हें जानना ज़रूरी है। सीसीएस नियम 2021 के तहत, अब कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से कम से कम दो महीने पहले पीपीओ या ई-पीपीओ जारी करने का निर्णय लिया गया है।
सरकार के अनुसार, इन नए प्रावधानों का उद्देश्य न केवल प्रक्रिया में तेजी लाना है, बल्कि सभी कर्मचारियों को एक सम्मानजनक और तनाव-मुक्त सेवानिवृत्ति का अनुभव प्रदान करना भी है। अब उम्मीद है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को अपने अधिकारों के लिए इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। इस सरकारी आदेश की व्यापक रूप से सराहना हो रही है।