किसानो की आय बढ़ाने के लिए सरकार की और से कई प्रयास किए जा रहे है।सरकार कई योजनाओ के माध्यम से उनकी आय बढ़ाने का प्रयास कर रही है।किसानो को इन योजनाओ का फायदा उठाना चाहिए।इतना ही नहीं किसानो को परपरागत खेती की जगह नई तकनीक को अपनाते है तो आप भी कम समय में ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकते है।अगर आप परम्परागत तकनीक की जगह खेती की नई तकनीक अपनाते है तो आप भी कम समय से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है।उनमे से समेकित खेती की तकनीक वर्तमान समय की मांग है।किसान इसे अपनाकर अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते है।ऐसे में किसानो को समेकित खेती की और ध्यान देना चाहिए।इसे अपनाना चाहिए जिससे उनकी आर्थिक स्थति मजबूत हो सके।
क्या समेकित खेती
समेकित खेती को इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम के नाम भी जानते है।यह एक ऐसी तकनीक या विशि है जिसके तहत किसान फसल उत्पादन के साथ अन्य खेती से जुडी व्यापार जैसे पशुपालन,मुर्गी पालन,मधुमक्खी पालन,मछली पालन,मशरूम उत्पादन,सब्जियों व फलो की खेती,बायो गैस आदि कई तरह के काम कर सकते है और अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर सकते है।
समेकित खेती से ये किसान कर रहे है 12 लाख रुपए की कमाई
बिहार के प्रगतिशील किसान समेकित खेती की तकनीक को अपनाकर मोटी कमाई कर रहे है।किसान धान की खेती के साथ ही मछली पालन,मशरूम और सेब की खेती करके अपनी कमाई को बढ़ा सकते है।इससे उन्हें हर माह एक लाख रुपए और सालाना 12 लाख रुपए की कमाई हो रही है।पटना के अनंतपुर गांव के प्रगतिशील िसँ समेकित कृषि प्रणाली के तहत मछली पालन,मशरूम और सेब की खेती कर रहे है।बिहार सरकार कृषि विभाग के मशरूम की खेती से ये किसान चार माह में 1.5 से 2 लाख रुपए की कमाई कर लेते है।उनके अनुसार मशूरू की खेती की लागत 50 हजार रुपए आती है और 2 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है।ऐसे में मशरूम की खेती का खर्च निकाल दिया जाए तो उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है।
मशरूम की खेती पर सरकार से मिलती है सब्सिडी
बिहार सरकार के कृषि विभाग,उधान निदेशालय की और से एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत राज्य के किसानो को इकाई लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।इस योजना के तहत मशरूम उत्पादन की प्रति इकाई कुल लागत 20 लाख रुपए निर्धारित की गई है।इस तरह किसान को मशरूम का उत्पादन करने के लिए सरकार से 10 लाख रुपए की सब्सिडी मिलती है।
तालाब में मछली पालन करके काम रहे 5 लाख रुपए
ये किसान खेत में बने तीन तालाबों में मछली पालन करके भी अच्छा मुनाफा काम रहे है।एक तालाब से उन्हें मछली पालन करके छह महीने में लगभग 4 से 5 लाख रुपए की इनकम होती है।वही तीन तालाब से उन्हें लगभग 12 से 15 लाख रुपए की कमाई हो जाती है।
तालाब निर्माण और मछली पालन के लिए भी मिलता है अनुदान
बिहार सरकार की और से मछली पालन के लिए तालाब खुदवाने के लिए भी किसानो को अनुदान दिया जाता है।योजना के तहत तालाब खुदवाने के लिए सामान्य वर्ग के किसानो को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।योजना के तहत एक किसान को दे हेक्टेयर में तालाब खुदवाने पर अधिकतम सात लाख रुपए तक का अनुदान मिल सकता है।वही तालाब खुदवाने के लिए अनुसूचित जाती,अनुसूचित जनजाति को किसानो को ७० प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है।इसके अलावा अति पिछड़ा वर्ग को तालाब खुदवाने के लिए 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।