एलपीजी – एलपीजी सिलेंडर पर 300 रुपये की सब्सिडी कैसे पाएं? पूरी जानकारी अंदर देखें

Saroj kanwar
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एलपीजी सब्सिडी: केंद्र सरकार की कई योजनाएं हैं जिनसे आबादी के एक बड़े हिस्से को लाभ मिलता है। ऐसी ही एक योजना है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई)। इस योजना के तहत लाभार्थियों को औसत उपभोक्ता से 300 रुपये कम कीमत पर रिफिल किए गए एलपीजी सिलेंडर मिलते हैं। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घरेलू सिलेंडर की कीमत औसत उपभोक्ता के लिए 853 रुपये है, जबकि लाभार्थियों के लिए यह 553 रुपये है। इसका मतलब है कि ग्राहकों को सिलेंडर 300 रुपये कम कीमत पर मिलेगा।

2016 में शुरू हुई
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मई 2016 में इस योजना को शुरू किया था। इस योजना का लक्ष्य मार्च 2020 तक 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी करना था, जिसे सितंबर 2019 में हासिल कर लिया गया। इसके बाद, सरकार ने उज्ज्वला 2.0 शुरू की, जिसके तहत प्रवासी परिवारों को विशेष रूप से लक्षित करते हुए अतिरिक्त 1 करोड़ एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराए गए। यह लक्ष्य दिसंबर 2022 में हासिल किया गया, जिससे इस योजना के तहत कुल कनेक्शनों की संख्या बढ़कर 96 मिलियन हो गई।

इसके अलावा, उज्ज्वला 2.0 योजना के तहत वित्त वर्ष 2023-24 और 2025-26 के बीच 75 लाख अतिरिक्त कनेक्शन जारी करने का निर्णय लिया गया था, जो जुलाई 2024 में पूरा हो गया। इससे एलपीजी कनेक्शनों की कुल संख्या 103.5 लाख हो गई। सरकार ने अब उज्ज्वला योजना के तहत 25 लाख अतिरिक्त एलपीजी कनेक्शन जारी करने की मंजूरी दे दी है। इससे योजना का कुल लक्ष्य बढ़कर 106 लाख कनेक्शन हो गया है। इन नए कनेक्शनों को जारी करने की प्रक्रिया वर्तमान में जारी है।

क्रिसिल इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में एलपीजी की खपत लगभग 31.3 करोड़ टन तक बढ़ने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2016-17 में 21.6 करोड़ टन थी। वित्त वर्ष 2025-26 में इसके 33 से 34 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू खपत में भी लगातार वृद्धि हो रही है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं द्वारा सिलेंडरों की औसत वार्षिक पुनर्भरण दर 2016-17 में 3.9 सिलेंडरों से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 4.5 सिलेंडर होने की उम्मीद है। वहीं, उज्ज्वला योजना से बाहर के परिवारों ने पिछले पांच वर्षों में प्रति वर्ष 6-7 सिलेंडरों की स्थिर पुनर्भरण दर बनाए रखी है।

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