इस राज्य सरकार ने बेरोजगारी कम करने के लिए बनाई अनोखी योजना, नौकरी चाहने वालों के लिए बड़ी खबर

Saroj kanwar
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बेरोजगारी के दायरे को कुछ हद तक कम करने के लिए, राजस्थान सरकार ने एक अनूठी योजना शुरू की है। रोजगार सृजन की अपनी नई पहल के तहत, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना (MSRGY) नामक एक नई योजना शुरू की है, जिसकी तुलना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) से की जा सकती है। MGNREGA देश भर में एक लोकप्रिय योजना है और ग्रामीण क्षेत्रों में यह कारगर साबित हुई है। इसी पहल से प्रेरित होकर, राजस्थान राज्य सरकार मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना (MSRGY) नामक एक नई योजना लेकर आई है। यह योजना मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों के लिए बनाई गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में बेरोजगार लोगों को साल में 100 दिन तक का गारंटीकृत रोजगार प्रदान करना है।

यह योजना न केवल पात्र व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, स्वच्छता और सौंदर्यीकरण परियोजनाओं को पूरा करने में भी तेजी लाती है। COVID-19 महामारी के बाद से बढ़ी बेरोजगारी को देखते हुए यह योजना और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

लाभ कौन उठा सकता है?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए, निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना अनिवार्य है:

निवास: आवेदक राजस्थान का स्थायी निवासी होना चाहिए।

आयु सीमा: आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

क्षेत्र: आवेदक शहरी क्षेत्र का निवासी होना चाहिए।

दस्तावेज़: योजना में पंजीकरण के लिए जॉब कार्ड होना अनिवार्य है।

रोज़गार: आवेदक पहले से किसी सरकारी या नियमित नौकरी में नहीं होना चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज़ और आवेदन प्रक्रिया
योजना के लिए आवेदन करने हेतु कुछ आवश्यक दस्तावेज़ आवश्यक हैं:

आधार कार्ड, जन आधार कार्ड/राशन कार्ड

पते का प्रमाण

बैंक खाता पासबुक

पासपोर्ट आकार का फ़ोटो

पात्र व्यक्ति इन दस्तावेज़ों के साथ अपने स्थानीय नगर निकाय कार्यालय में जाकर या सरकार के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
आपको क्या लाभ मिलेंगे?
इस योजना के तहत, पात्र व्यक्ति को वर्ष में 100 दिन काम की गारंटी मिलेगी। काम पूरा होने पर दैनिक मजदूरी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के माध्यम से जमा की जाएगी। मजदूरी दर सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जाती है (वर्तमान में लगभग ₹259 से ₹300 प्रतिदिन)। यदि काम मांगने के 15 दिनों के भीतर काम नहीं मिलता है, तो लाभार्थी को नियमानुसार बेरोजगारी भत्ता भी मिलेगा।

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