यदि आपने आकलन वर्ष (AY) 2025-26 के लिए अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल कर दिया है और अब अपने रिफंड का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आयकर विभाग ने हाल ही में लाखों करदाताओं को एक महत्वपूर्ण सूचना भेजी है। विभाग ने उन्हें सूचित किया है कि ‘जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया’ में कुछ त्रुटियों या विसंगतियों के कारण कई रिफंड रोक दिए गए हैं।
घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि विभाग आपको अपनी गलतियों को सुधारने का सुनहरा अवसर दे रहा है। यदि आप 31 दिसंबर, 2025 की समय सीमा चूक जाते हैं, तो न केवल आपका रिफंड रोका जा सकता है, बल्कि आपको भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इस लेख में इस संदेश के बारे में विस्तार से जानें और जानें कि आप सुरक्षित रूप से अपना पैसा कैसे वापस पा सकते हैं।
आयकर विभाग का जोखिम प्रबंधन अलर्ट
आजकल, आयकर विभाग की प्रणाली अत्यधिक उन्नत और डेटा-आधारित हो गई है। जब आप अपना रिटर्न दाखिल करते हैं, तो विभाग की स्वचालित प्रणालियाँ आपके द्वारा दी गई जानकारी का मिलान आपके बैंक लेनदेन, वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) और फॉर्म 26एएस से करती हैं। यदि थोड़ी सी भी विसंगति पाई जाती है, तो प्रणाली इसे “जोखिम” के रूप में चिह्नित करती है और आपका रिफंड रोक दिया जाता है।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन करदाताओं के डेटा में विसंगतियाँ पाई गई हैं, उन्हें उनके पंजीकृत ईमेल पते पर विस्तृत जानकारी भेजी गई है। इसका अर्थ यह नहीं है कि आपका रिफंड अस्वीकृत कर दिया गया है; बल्कि, विभाग आपको अपनी गलती सुधारने के लिए संशोधित रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दे रहा है।
आईटीआर रिफंड प्राप्त करने की अंतिम तिथि
समय पर कार्रवाई करना आपकी वित्तीय सुरक्षा का सबसे समझदारी भरा मार्ग है। यदि आपको विभाग से कोई संदेश या ईमेल प्राप्त होता है, तो सबसे पहले अपने ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करें और उठाई गई आपत्तियों की जाँच करें। यदि आपने अभी तक अपना संशोधित रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो इसे 31 दिसंबर, 2025 तक दाखिल करना अनिवार्य है।
ध्यान रखें कि 1 जनवरी, 2026 के बाद की गई किसी भी कार्रवाई के परिणामस्वरूप अतिरिक्त कर और जुर्माना लग सकता है। यदि आपने अपना संशोधित रिटर्न पहले ही दाखिल कर दिया है और फिर भी आपको यह संदेश प्राप्त होता है, तो आप इसे अनदेखा कर सकते हैं। हालांकि, हमेशा किसी भी अपडेट के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइट का ही उपयोग करें।
डिजिटल लूट
साइबर अपराधी अब आयकर विभाग के नाम का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी का जाल बुन रहे हैं। वे नकली एसएमएस या ईमेल भेजते हैं जो देखने में असली लगते हैं। इनमें अक्सर लिखा होता है, “बधाई हो! आपका ₹35,000 का रिफंड स्वीकृत हो गया है। अपने बैंक विवरण सत्यापित करने के लिए तुरंत इस लिंक पर क्लिक करें।”
जैसे ही आप संदिग्ध लिंक पर क्लिक करते हैं, आपको एक नकली वेबसाइट पर ले जाया जाता है जो बिल्कुल आयकर पोर्टल जैसी दिखती है। आपकी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे आपका आधार नंबर, पैन कार्ड और नेट बैंकिंग पासवर्ड, चोरी हो जाती है। इसके तुरंत बाद, आपके बैंक खाते से एक बड़ी रकम निकाल ली जाती है। वरिष्ठ नागरिक इस तरह के ‘रिफंड घोटालों’ के सबसे अधिक शिकार होते हैं।
साइबर धोखाधड़ी से बचने के कारगर तरीके
आयकर विभाग ने स्पष्ट चेतावनी जारी की है कि वह करदाताओं से फोन कॉल, व्हाट्सएप या व्यक्तिगत संदेशों के माध्यम से कभी भी गोपनीय जानकारी नहीं मांगता है। सुरक्षित रहने के लिए, आयकर संबंधी सभी कार्य केवल www.incometax.gov.in पर जाकर ही करें। अज्ञात ईमेल या एसएमएस में प्राप्त किसी भी लिंक पर भरोसा न करें।
ईमेल भेजने वाले का डोमेन नाम हमेशा जांचें और सुनिश्चित करें कि यह किसी आधिकारिक सरकारी ईमेल पते से आया हो। विभाग आपसे कभी भी आपका ओटीपी, पिन या बैंक पासवर्ड नहीं मांगेगा। यदि कोई ऐसा करता है, तो वह निश्चित रूप से एक स्कैमर है। हमेशा “सोच-समझकर काम करें” के सिद्धांत का पालन करें और किसी भी लिंक को खोलने से पहले दो बार सोचें।